बुधवार, 23 सितंबर 2020

महाभारत के नौ सूत्र सार

महाभारतो इस तरह पढ़े 

 यदि "महाभारत" को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं:-


कौरव 


1.संतानों की गलत मांग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे


कर्ण 


2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हों, तो आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र-शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा


अश्वत्थामा 


3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे. 


भीष्म पितामह 


4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो  कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े. 


दुर्योधन 


5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है. 


धृतराष्ट्र 


6.अंध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है. 


अर्जुन 


7.यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बंधी हो तो विजय अवश्य मिलती है. 


शकुनि 


8. हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते 


युधिष्ठिर 


9.यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती. 


यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन में महाभारत संभव हो जाता है।

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