बुधवार, 11 नवंबर 2020

समय के साथ बदलाव

 एक रशियन यहूदी को इजरायल में बसने का परमिशन मिला

मॉस्को हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों ने उसके थैले में लेनिन की मूर्ति देखी तो पूछ बैठा,

'ये क्या है ?

उसने कहा,

'ये क्या है ?, कॉमरेड ये गलत सवाल है, आपको पूछना चाहिये था कि ये कौन है, ये कॉमरेड लेनिन हैं जिन्होंने सोशलिज्म की बुनियाद रखी और रूस के लोगो का भविष्य उज्ज्वल किया, मैं इसे अपने साथ, अपने "यादगार हीरो" की तरह ले जा रहा हूं 

रशियन कस्टम अधिकारी थोड़ा शर्मिंदा हुये और आगे बगैर किसी जांच के उसे जाने दिया ....

तेल अवीव एयरपोर्ट पर

इजरायल के कस्टम अधिकारी ने पूछा,

'ये क्या है ?'

उसने कहा,

'ये क्या है ? ये गलत सवाल है श्रीमान, आपको पूछना चाहिये था, ये कौन है ?

ये लेनिन है, ऐसा हरामखोर दोगला का औलाद जिसने मुझे यहूदी होने के कारण,रूस छोड़ने पर मजबूर कर दिया। मैं अपने साथ उसकी मूर्ति इसलिये लाया ताकि रोज, जब भी इस चूतिये पर नजर पड़े, इसकी मां-बहन एक कर सकूं''

इजरायली कस्टम अधिकारी ने कहा,

'आपको मैंने कष्ट दिया उसके लिये माफी चाहता हूं, आप इसे अपने साथ ले जा सकते हैं'

इजरायल में जब वो अपने नये घर मे पहुंचा तो मूर्ति को एक ऊंचे मेज पर रख दिया

घर और वतन वापसी की खुशी में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को घर पर बुलाया 

उसके एक दोस्त ने सवाल किया,

'ये कौन है ?'

उसने कहा,

'मेरे दोस्त, ये कौन है ?, ये गलत सवाल है। तुम्हे पूछना चाहिये था कि 'ये क्या है ?'

ये 10 किलो शुद्ध सोना है जिसे मैं बिना कस्टम और टैक्स के लाने में सफल रहा""

निष्कर्ष :

असली राजनीति वही है जो एक ही मुद्दे को अलग अलग तरह से जैसे श्रोता हों, वैसे ही पेश किया जाये।

और इसका नतीजा भी हर तरह से बढ़िया निकलेगा

😛 😜

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