जीवन में उल्लास भरती होली
होली का नाम मन में आते ही,
मन प्रफुल्लित हो जाता है,
होली मिलने - मिलाने का त्यौहार है,
बिछुड़े को फिर से मिला देती है ।
होली दिल में उमंग पैदा करती है ,
होली जीने की कला बताती है,
आनंद की नई राह दिखाती है,
जीवन को बहार लाती है ।
होली रंग के महत्व को बताती है ,
गिले शिकवे को दूर भगाती है,
नफरत को मिटाती है,
प्रेम का पाठ पढ़ाती है।
होली रिश्ते में नया रंग भरती है,
होली दिलो-दिमाग को फ्रेश बना देती है,
होली देवर भाभी को करीब लाती है,
जीवन में उल्लास भरती है।
होली दुश्मनी को दोस्ती में बदल देती है,
मिलजुल कर रहने का पाठ पढ़ाती है,
सद्भावना का संदेश देती है,
भेदभाव को मिटाती है ।
प्रेमी प्रेमिकाओं को मिलने का अवसर देती है,
ठिठोली करने का सौगात लाती है,
रिश्ते को गाढ़ा बनती है,
दिलों के भेद को मिटाती है ।
होली शत्रुता को खत्म कर,
मित्रता की राह दिखाती है,
वसंत की महक भी संग लाती है,
जीवन को खुशियों से भर देती है।
मां - बाप के पैर छूने का,
एक अवसर देती है ,
घर के कुल देवी - देवताओं के,
पूजन का एक अवसर प्रदान करती है।
होली नए-नए पकवानों के साथ,
जीवन में खुशियों का रंग भर देती है,
पति पत्नी के रिश्ते को मधुर बना देती है,
दोस्तों को और करीब ला देती है ।
होली रंगों के बहाने,
एक दूसरे के दिल में प्रवेश कर जाती है ,
होली बीते साल को विदाई देती है ,
नए साल में प्रवेश का दस्तक देती है ।
होली सबके चेहरों पर,
मुस्कान ला देती है ,
लोग साल भर कहीं भी रहे ,
होली गांव - घर पहुंचा देती है।
होली पीने - पिलाने का अवसर देती है,
सड़कों पर नाचने का अवसर देती है,
मित्रों के संग इधर-उधर ,
मटरगश्ती का भी अवसर देती है ।
फटे - पुराने कपड़ों की बहार आ जाती है,
होली बुढ़ो को भी देवर बना देती है,
भांग अपने विभिन्न रूपों में,
सर चढ़कर बोलती है।
होली पर मिलन समारोह के आयोजन होते हैैं,
चारों ओर रंगों की बहार होती है,
काव्य सम्मेलनों में ,
गीत और कविताओं की बहार होती है।
होली पर भांग धतूरों की बाहर होती है,
होली साल संवत सुखमय होने की,
आशीर्वाद देती है,
मिलजुल कर रहने की सीख देती है।
होली नए पुराने दोस्तों को मिलाती है,
होली बचपन की याद दिला देती है,
होली मुस्कुराहट की राज बताती है,
नेक और एक बनो की सीख देती है।
होली अपनों की याद दिला देती है,
होली मर्म को छूती है,
होली संवेदना से भरपूर होती है,
आंखों में मिलन के आंसू ला देती है ।
होली गीत संगीत और रंगो को,
एक नया अर्थ देती है ,
अमीर -गरीब , छोटे- बड़े को ,
एक बना देती है।
होली समरसता का दीप जलाती है ,
अखंड भारत की राह दिखाती है ,
जाति ,धर्म से मुक्त,
एक भारत की राह दिखाती है ।
एक बनो, नेक बनो की बात बताती है ,
मिलजुल कर रहने की सीख देती है,
होली हर साल होली आती है ,
कुछ ना कुछ नई सौगात लाती है।
विजय केसरी,
(कथाकार / स्तंभकार).
पंच मंदिर चौक, हजारीबाग - 825 301.
मोबाइल नंबर - 92347 99550.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें