सोमवार, 16 अप्रैल 2012

प्रख्यात रंगकर्मी प्रदीप रौशन की मौत



Updated on: Sun, 15 Apr 2012 08:32 PM (IST)

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औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता :
शहर के प्रख्यात रंगकर्मी और शायर प्रदीप कुमार रौशन (52 वर्ष) की मौत रविवार को दिल्ली जाते समय आरा में हो गयी। आरा से इनके साथ ही पटना जा रहे कुछ मित्रों ने उनके घर परिवार और रिश्तेदारों को मौत की सूचना दी। इसके बाद बराटपुर स्थित उनके आवास पर भीड़ लग गई। इनके परिवार में चार पुत्री और पत्नी इनके पीछे रह गए। रौशन के वृद्ध माता पिता को शाम के बाद अपने पुत्र रौशन की मौत की खबर लगी।
प्रख्यात नाटक प्रश्न के लेखक रौशन ने करीब स्वलिखित करीब एक दर्जन नाटकों का लेखन किया था, जिसमें ज्यादातर नाटकों का देश के कई जगहों पर सफल मंचन किया गया कला के क्षेत्र में इनका योगदान अद्वितीय रहा है। शायर एवं मुशायरा में भी रौशन शिरकत करते थे। देश के प्रत्येक कोने में अपनी रंगकर्मी का लोहा मनवाया। कुछ दिनों से रौशन बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने कहा कि रौशन की मौत कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। नाटक में रौशन द्वारा निभाया गया किरदार आज भी जीवंत दिखता है।
संस्कार भारती के अध्यक्ष रंजय अग्रहरी, उपाध्यक्ष धीरज अजनबी, सचिव उत्तम श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी रविचन्द्र, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पाण्डेय, अकबर उर्फ टूनु, सुनील कुमार ने शोक जताया है। सभी ने कहा कि रौशन की मृत्यु हम भूल नहीं सकते। रौशन की शव को पूरे शान के साथपूरे शहर में घुमाया गय। जिसको भी रौशन की मौत की जानकारी मिली तो वह स्तब्ध रह गया।







Monday, April 16th, 2012

Eminent theater personality Roshan Pradeep death



Updated on: Sun, 15 Apr 2012 08:32 PM (IST)

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Aurangabad the press office:
The city's famous theater and the famous poet Pradeep Kumar ( 52 years) was killed on Sunday in Delhi when the saw. Patna to be with them and saw some friends and relatives killed his family reported. Bratpur caught in the crowd at his residence. Four daughters and a wife left her family behind. Bright light of the aged parents in the evening after his son's death was reported.
Participants were also famous poet and Mushaira. Proved the importance of theater in each corner of the country. Ill a few days were filled with light. News of his death, a wave of grief swept over the city. Cooperation Minister Ramadhar brighten Singh's death is an irreparable loss to the art world. The role played by light in the play still looks vibrant.
Her funeral Rnjay Agrhri President Vice President endurance stranger Secretary Best Srivastava media charge Rvichndra former BJP Sangh Ramanuj Pandey ,Akbar alias Tunu Sunil Kumar condoled. All that said, we can not forget the death of light. Brighten up the dignity of the body Sathpure gone around the city. Who reported the death of the light so she was shocked.

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जरा गांव में कुछ दिन ( या घर लौटकर ) तो देखो 😄😄

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