Updated on: Sun, 15 Apr 2012 08:32 PM (IST)
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औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता :
शहर के प्रख्यात रंगकर्मी और शायर प्रदीप कुमार रौशन (52 वर्ष) की मौत रविवार को दिल्ली जाते समय आरा में हो गयी। आरा से इनके साथ ही पटना जा रहे कुछ मित्रों ने उनके घर परिवार और रिश्तेदारों को मौत की सूचना दी। इसके बाद बराटपुर स्थित उनके आवास पर भीड़ लग गई। इनके परिवार में चार पुत्री और पत्नी इनके पीछे रह गए। रौशन के वृद्ध माता पिता को शाम के बाद अपने पुत्र रौशन की मौत की खबर लगी।
प्रख्यात नाटक प्रश्न के लेखक रौशन ने करीब स्वलिखित करीब एक दर्जन नाटकों का लेखन किया था, जिसमें ज्यादातर नाटकों का देश के कई जगहों पर सफल मंचन किया गया कला के क्षेत्र में इनका योगदान अद्वितीय रहा है। शायर एवं मुशायरा में भी रौशन शिरकत करते थे। देश के प्रत्येक कोने में अपनी रंगकर्मी का लोहा मनवाया। कुछ दिनों से रौशन बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से शहर में शोक की लहर दौड़ गई। सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने कहा कि रौशन की मौत कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। नाटक में रौशन द्वारा निभाया गया किरदार आज भी जीवंत दिखता है।
संस्कार भारती के अध्यक्ष रंजय अग्रहरी, उपाध्यक्ष धीरज अजनबी, सचिव उत्तम श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी रविचन्द्र, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पाण्डेय, अकबर उर्फ टूनु, सुनील कुमार ने शोक जताया है। सभी ने कहा कि रौशन की मृत्यु हम भूल नहीं सकते। रौशन की शव को पूरे शान के साथपूरे शहर में घुमाया गय। जिसको भी रौशन की मौत की जानकारी मिली तो वह स्तब्ध रह गया।Preview
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