शनिवार, 29 जुलाई 2017

पत्रकारिता के विविध आयाम







रेडियो पत्रकारिता
          संचार के आधुनिक माध्यमों में रेडियो ने अपने वर्चस्व और महत्व को बरकरार रखा है। रेडियो अपनी विकास यात्रा के स्वर्णिम चरणों को पूरा करता हुआ आज एक नए मुकाम को हासिल कर चुका है। रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों का श्रोताओं पर सबसे ज्यादा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भारत जैसे विकासशील देश में आज भी 80 प्रतिशत जनसंख्या गांव में निवास कर रही है। जहां रेडियो ही ज्ञान, सूचना और मनोरंजन का सबसे सुलभ, सस्ता और आसान साधन है।
     पं. इन्द्र विद्यावाचस्पति के अनुसार ‘‘पत्रकारिता पांचवा वेद है जिसके द्वारा हम ज्ञान-विज्ञान संबंधी बातों को जानकर अपने बंद मस्तिष्क को खोलते हैं।’’
      डॉ. शंकर दयाल शर्मा- ‘‘पत्रकारिता पेशा नहीं जनता की सेवा  का माध्यम है।’’
 पत्रकारिता का स्वरूप एवं उसके प्रकार
पत्रकारिता एक बहुआयामी विषय है। अतः इसके विविध स्वरूपों तथा  प्रकारों के अनुभव भावोत्पादक फोटो पत्रकारिता ही प्रभावी हो सकती है। इसका संक्षिप्त ज्ञान प्रदान करने हेतु पत्रकारिता के स्वरूप तथा इसके विविध प्रकारों की सूक्ष्म व्याख्या निम्न प्रकार प्रस्तुत की जा रही है-

1. राजनीतिक पत्रकारिता
राजनीतिक पत्रकारिता का प्रारम्भ स्वाधीनता पूर्व हो चुका था। भारतीयों द्वारा प्रकाशित कोई भी पत्र ऐसा नहीं था, जिनमें अंग्रेजी हुकूमत की ज्यादतियों का चित्रण न हो। सभी भारतीय समाचार-पत्र ‘स्वाधीनता मिशन’ से प्रेरित थे। वह देश को राजनीतिक रूप से गुलाम नहीं रखना चाहते थे। स्वाधीनता प्राप्ति के बाद देश में लोकतन्त्र की स्थापना हुई। शासन की इस व्यवस्था में पत्रकारिता का राजनीतिक दायित्व बहुत बढ़ गया। समाचार-पत्र वस्तुतः शासक और शासित के मध्य की एक अटूट कड़ी बन गए।
शासक दल की नीतियों से जन-मानस को रू-ब-रू करवाना और जन-मानस की भावनाओं को शासक दल तक पहुँचाना पत्रकारों का प्रमुख दायित्व हो गया। वर्तमान में सभी समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ व सूचना के अन्य साधन अपने इस उत्तरदायित्व को भली प्रकार निभा रहे हैं। इसका सम्पूर्ण श्रेय पत्रकारिता को जाता है। राजनीतिक समाचारोंे लिए प्रमुख पत्रिकाओं में इण्डिया टुडे, द वीक, आउटलुक, द टाइम आदि प्रमुख हैं।

2. सामाजिक पत्रकारिता
 सामाजिक कुरीतियों व अन्धविश्वासों पर जहाँ पत्रकारिता ने कठोरतम वार किए हैं, वहीं लोगोंं को एक नई जीवन शैली में ढालने का कार्य भी किया है। सामाजिक आस्थाओं-अनास्थाओं, समानताओं-विषमताओं और सामाजिक संकीर्णताओं का विशद विश्लेषण और प्रसारण रेडियो एवं समाचार-पत्रों द्वारा निरंतर हो रहा है। इसी विश्लेषण का परिणाम है कि लोगों के जीवन-मूल्य परिवर्तित हुए हैं। उनके विचारों में क्रान्तिकारी परिवर्तन आए हैं। उनके सोचने और कार्य करने का ढंग बदला है। लेकिन अभी भी सामाजिक सौहार्दता स्थापित करने की दिशा में पत्रकारिता के समक्ष गम्भीर चुनौतियाँ हैं।
3. आर्थिक पत्रकारिता
विश्व में औद्योगिक क्रान्ति के बाद ही पूँजीवाद, समाजवाद और साम्यवाद जैसे नए चिन्तन ने विश्व के विभिन्न देशों को विशिष्ट राजनीतिक विचार धारा के तहत लामबन्द किया और अपने दर्शन के प्रचार व प्रसार हेतु समाचार-पत्रों को माध्यम बनाया।
      औद्योगिक युग में किसी राष्ट्र से अथवा व्यक्ति विशेष की सफलता अर्थ के समुचित नियोजन और प्रबन्धन से सम्भव है और यह कार्य समाचार-पत्र और पत्रिकाओं के माध्यम से जितने प्रभावी

4. धार्मिक पत्रकारिता
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात धार्मिक पत्रकारिता में अमूलचूल परिवर्तन हुआ। बृहद् स्तर पर अनेक धार्मिक पत्रिकाएँ जैसे अखण्ड ज्योति, वेद अमृत, साधना-पथ, ओशो टाइम्स, मन्त्र-तन्त्र-यन्त्र आदि पत्रिकाओं का नियमित प्रकाशन आरम्भ हुआ। ये पत्रिकाएँ आज भी लोकप्रिय हैं और इनके पाठकों की संख्या अच्छी है।

5. फिल्मी पत्रकारिता
आरम्भ में फिल्म या चलचित्र सम्बन्धी समाचारों के लिए दैनिक, साप्ताहिक या अन्य पत्रिकाओं में कुछ पृष्ठ निर्धारित होते थे। कालान्तर पर चलचित्रों के विकास एवं उनकी बढ़ती लोकप्रियता के समक्ष स्थापित प्रकाशन संस्थानों ने अलग से साप्ताहिक और मासिक फिल्म पत्रिकाओं का प्रकाशन अंग्रेजी, हिन्दी व अन्य भाषाओं में प्रारम्भ कर दिया। आज फिल्मी पत्रिकाओं में फिल्म फेयर, स्टार-डस्ट, शो-टाइम और सिने ब्लिट्ज आदि प्रमुख हैं। रेडियो पर फिल्मी गाने और वालीबुड की जानकारी देने वाले कई कार्यक्रम प्रसारित किए जाते है।

6. खेल-पत्रकारिता
पूर्व में खेल समाचारों को विशेष महत्व नहीं दिया जाता था। अंग्रेजी के समाचार-पत्र क्रिकेट समाचारों को विशेष  रूप से संकलित किया करते थे। खेलों के प्रति पाठकों की बढ़ती रुचि देखकर लगभग सभी समाचार-पत्र एवं पत्रिकाओं में खेल समाचारों का समावेश होने लगा। समाचार-पत्रों के लिए खेल एक अलग विधा या बीट बन गई। खेल समाचारों  के संकलन के लिए विशेष संवाददाताओं की नियुक्ति के मार्ग प्रशस्त हुए।
      वर्तमान में खेल जगत् के समाचारों के प्रकाशन हेतु साप्ताहिक व मासिक पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही है। इनमें न केवल क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल जैसे आउट-डोर गेम्स, अपितु अनेक इन-डोर गेम्स के वश्वस्तरीय समाचारों का प्रकाशन हो रहा है। खेल-पत्रिकाओं में क्रिकेट सम्राट, क्रिकेट, स्पोट्र्स स्टार तथा गोल्फ डाइजेस्ट आदि प्रमुख हैं।

7. शिक्षा पत्रकारिता
शिक्षा सम्बन्धी समाचारों का संकलन और उनका प्रकाशन वर्तमान में पत्रकारिता की एक स्वतन्त्र और सशक्त विधा या बीट बन गई है। दैनिक समाचार-पत्र में तो बेसिक, माध्यमिक उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से सम्बन्धित समाचार देखने को मिलते ही हैं। इसके अतिरिक्त शिक्षा पर अलग से मासिक पत्रिकाएं जैसे एजूकेशन टुडे, वल्र्ड आॅफ बी स्कूल भी नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है। अब शिक्षा भी पत्रकारिता का एक अभिन्न अंग बन गई है। रेडियो पर कई शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारण के साथ-साथ ज्ञानवाणी जैसा एक रेडिया चैनल स्वतंत्र कार्यरत है।

8. साहित्यिक पत्रकारिता
स्वाधीनता से पूर्व साहित्यिक पत्रकारिता का जन्म हो चुका था। हिन्दी के विद्वान जैसे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, हजारी प्रसाद द्विवेदी, बालकृष्ण भट्ट तथा प्रताप नारायण मिश्र आदि ने मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन साहित्य-सृजन को गति देने की दृष्टि से किया। विशुद्ध रूप से साहित्यिक पत्र-पत्रिकाएं पाठकों को रास नहीं आईं और धीरे-धीरे  धनाभाव के कारण यह लुप्त होती गई। लेकिन पिछले दो दशकों में साहित्यिक पत्रिकाओं की बाढ़-सी आ गई है।
               
9. औद्योगिक पत्रकारिता
उद्योग पत्रकारिता का विकास डेढ़ दशक पहले हुआ है। पूर्व में उद्योग संबंधी समाचार दैनिक अखबारों और पत्रिकाओं मेंं जरूरत के हिसाब से छापे जाते थे। लेकिन वर्तमान में व्यापार संबंधी समस्त समाचारों के लिए एक या दो पेज रिजर्व कर दिए गए। इसके अलावा वर्तमान में कई अखबार व्यापार समाचार के लिए प्रकाशित किए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक रेडियो में इन समाचारों को कोई अलग स्थान नहीं दिया गया फिर भी रेडियो बुलेटिन में व्यापार समाचार को समाहित करने का चलन बदस्तूर जारी है।

10. चिकित्सा पत्रकारिता
वर्तमान में सभी समाचार पत्र अपने पाठकों को उनके स्वास्थ्य, रोगों और निदान के बारे में प्रतिदिन जागरुक करने का कार्य कर रहे हैं। रेडियो की बात करें तो आकाशवाणी पर लगभग रोजाना स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। हालांकि बुलेटिन में बड़ी खबर होने पर ही इस तरह की चिकित्सकीय समाचारों को सम्मलित किया जाता है। रेडियो पर स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम स्रोताओं के हित में बनाए जा रहे है

11. कृषि पत्रकारिता
जैसा कि माना जाता है कि हमारा देश एक कृषि प्रधान राष्ट्र है और रेडियो के दो तिहाई श्रोता भी कृषक हैं। आकाशवाणी पर फसलों की बुवाई, कटाई, मिजाई और फसलों को खराब करने वाले रोगों एवं कीटनाशकों की जानकारी प्रसारित की जाती है। इसके अलावा जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ाना, खरपतवार कम करना, खेती या बीज के लिए लोन लेना आदि बातों की जानकारी के लिए कृषक वर्ग रेडियो पर ही आश्रित हैं।

12. खोजी पत्रकारिता
पत्रकारिता की यह विधा शुरूआती दौर में अखबारों में उपयोग लाई जाती थी। बाद में टीवी में इसका प्रयोग होने लगा। हालांकि रेडियो बुलेटिन में खोजी खबरें न के बराबर होती हैं।

13. पर्यावरण पत्रकारिता
पर्यावरण से संबंधित खबरें और लेख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में तो आते ही हैं लेकिन रेडियो में इन्हें विशेष स्थान दिया जाता है। रेडियो पर पर्यावरण संबंधी कई तरह की जानकारी कार्यक्रमों के रूप में श्रोताओं के लिए प्रसारित की जाती हैं। रेडियो बुलेटिन के अंत में मौसम संबंधी जानकारी प्रतिदिन दी जाती हैं। रेडियो पर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं पर्यावरण पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से लोगों को अवगत कराने के लिए कई प्रोग्राम प्रसारित किए जा रहे है।

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन तुलसीदास जयंती और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. a stock market is a market where shares are either issued or traded. It is one of the important sources for the company to raise the money. This allows businesses to be publicly traded, or raise additional capital for expansion by selling shares of ownership of the company in public market. Nowadays due to internet and advance technology buying and selling of stocks are taken from anywhere in world. There is no need to be physical present in NSE(national stock exchange) and BSE(Bombay stock exchange). https://hs.news/oppo-k3-launched/

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    बहुत सुंदर लिंकों का सार्थक संयोजन। रचनाकार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
    मैंने भी 15 August Status or Independence DAy Status with Images पर लिखा है. पसंद आये तो जरूर पढ़े.
    कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है Inspiringbyte.

    जवाब देंहटाएं
  5. sir aap ka blog bahut hi accha laga padh kar. aapne apne site ko kaise grow kiya plzz hume bhi btaye.

    जवाब देंहटाएं

साहिर लुधियानवी ,जावेद अख्तर और 200 रूपये

 एक दौर था.. जब जावेद अख़्तर के दिन मुश्किल में गुज़र रहे थे ।  ऐसे में उन्होंने साहिर से मदद लेने का फैसला किया। फोन किया और वक़्त लेकर उनसे...