शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

पहले मैं.....

 "पहले मैं ही जाऊंगी"


सुनो, हर वक्त,

 पहले तुम पहले तुम करते हो ना,

जब जिंदगी साथ छोड़ेगी ना,

तब भी पहले मैं ही जाऊंगी....


मुझे आदत नहीं बिल्कुल,

तुम बिन रहने की...

जिंदगी के सारे दर्द,

अकेले सहने की....


सुनो, हर सांस

 साथ निभाया है ना तुमने..

जब सांस टूटने लगे ना,

तो पहले मैं ही जाऊंगी...


जब जिंदगी साथ छोड़ेगी ना,

तब भी पहले मैं ही जाऊंगी...


सुनो, इस आंगन में,

 तुम ही लेकर आए थे..

इस आंगन से,

तुम ही लेकर जाना....

साथ निभाया तो, है अब तक तुमने...

अंत तक तुम ही साथ निभाना...


तेरे साथ ही,

 इस आंगन में आई थी...

तेरे साथ ही,

 इस आंगन से जाऊंगी.....


जब जिंदगी साथ छोड़ेगी ना,

तब भी पहले मैं ही जाऊंगी...


जिंदगी बाहों में ही गुजारी है तेरे,

मौत भी बाहों में ही आएगी...

पहली बार तुमने ही मांग भरी थी ना,

अंतिम बार भी, तेरे हाथों से ही भरी जाएगी...


सुनो, हर बात तुम्हारी मानी है,

इसमें एक भी नहीं मानूंगी....


जब जिंदगी साथ छोड़ेगी ना,

तब भी पहले मैं ही जाऊंगी....

       रीना झा शर्मा ©®.

4 टिप्‍पणियां:

हिंदी दिवस लेख श्रृंखला 2/3 अतुल प्रकाश

अतुल प्रकाश  हिंदी निबंध श्रृंखला: हिंदी दिवस पखवाड़ा-२ *हिन्दी के सबसे विवादास्पद शब्द : नीच से गोदी मीडिया तक, शब्दों की समय-यात्रा- अतुल ...