धीरेंद्र अस्थाना-
धीरे-धीरे इस पत्रिका ने,जैसी कि उम्मीद भी थी,वह मुकाम छू लिया कि यहां कोई भी छपना चाहे। यह मुकाम पहले सिर्फ राजेंद्र यादव के समय वाले हंस को हासिल था।या फिर बाद में रवींद्र कालिया वाले नया ज्ञानोदय को।

देव औरंगाबाद बिहार 824202 साहित्य कला संस्कृति के रूप में विलक्ष्ण इलाका है. देव स्टेट के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर अपने जमाने में मूक सिनेमा तक बनाए। ढेरों नाटकों का लेखन अभिनय औऱ मंचन तक किया. इनको बिहार में हिंदी सिनेमा के जनक की तरह देखा गया. कामता प्रसाद सिंह काम और इनकi पुत्र दिवंगत शंकर दयाल सिंह के रचनात्मक प्रतिभा की गूंज दुनिया भर में है। प्रदीप कुमार रौशन और बिनोद कुमार गौहर की भी इलाके में काफी धूम रही है.। देव धरती के इन कलम के राजकुमारों की याद में .समर्पित हैं ब्लॉग.
*मत चूको चौहान* वसन्त पंचमी का शौर्य *चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!* *ता उपर सुल्तान है, चूको मत चौहान!!* वसंत पंचमी का दिन हमें ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें