गुरुवार, 23 नवंबर 2023

सच्ची दोस्ती /

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     बचपन की मित्रता


🌸 जय श्री राधे  🌸_*

_उन चारों को होटल में बैठा देख,रमेश हड़बड़ा गया._


_लगभग *25 सालों* बाद वे फिर उसके सामने थे._


 _शायद अब वो बहुत बड़े और संपन्न आदमी हो गये थे!_

 _*रमेश को अपने स्कूल के दोस्तों का खाने का आर्डर लेकर परोसते समय बड़ा -अटपटा लग रहा था.*_


_उनमे से दो मोबाईल फोन पर व्यस्त थे- और दो लैपटाप पर!_


 _रमेश पढ़ाई पुरी नही कर पाया था. *उन्होंने उसे पहचानने का प्रयास भी नही किया!*_

  _वे खाना खा कर बिल चुका कर चले गये!_


          _रमेश को लगा - उन चारों ने शायद उसे *पहचाना नहीं, या उसकी गरीबी देखकर* जानबूझ कर कोशिश नहीं की._


   _*उसने एक गहरी लंबी सांस ली और टेबल साफ करने लगा।*_


_टिश्यु पेपर उठाकर कचरे मे डलने ही वाला था,_


_शायद उन्होंने उस पर कुछ जोड़-घटाया था!_


_अचानक उसकी नजर उस पर लिखे हुये शब्दों पर पड़ी!_


_लिखा था - अबे साले तू हमे खाना खिला रहा था- तो तुझे क्या लगा- हम तुझे पहचानेंगे नहीं.....?_


     _*अबे 20 साल क्या- अगले जनम बाद भी मिलता तो तुझे पहचान लेते*._


 _तुझे टिप देने की हिम्मत हममे नही थी!_


_हमने पास ही फैक्ट्री के लिये जगह खरीदी है और अब हमारा इधर आन-जाना तो लगा ही रहेगा।_


_*आज तेरा इस होटल का आखरी दिन है!*_


 _हमारे फैक्ट्री की कैंटीन कौन चलाएगा बे! तू चलायेगा ना....?_

_तुझसे अच्छा पार्टनर और कहां मिलेगा....???_

 _याद हैं न स्कुल के दिनों हम पांचो एक दुसरे का टिफिन खा जाते थे. आज के बाद रोटी भी मिल बाँट कर साथ-साथ खाएंगे._


       _*रमेश की आंखें भर आई*_


_सच्चे दोस्त वही तो होते है जो दोस्त की कमजोरी नही सिर्फ दोस्त देख कर ही खुश हो जाते है।_

_*धीरज, धर्म, मित्र, अरु नारी।*_

_*आपद काले परखिए चारी।।*_

_भगवान से अच्छा मित्र कोई नही हो सकता।_

_Friends day तो अब  कुछ और ही मकसद के लिए मनाया जाता है,ये विदेशीयों की देने है,खाओ पियो मोज करो।_

_मित्रता मनानी है,और जाननी है तो,भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा , भगवान श्रीराम और विभीषण,भगवान श्रीराम और सुग्रीव,भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन,  इत्यादि के विषय मे पढ़े।_

_मित्रता करते वक्त निष्काम  भाव होने चाहिए।_

_मित्रता में कुछ दिया जाता है, लिया नही जाता ।मित्रता में हिसाब-किताब नही होता है।_

_मित्रता तो आपद काल में ही देखी जाती है।_

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