मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

🌷हम पूरबवाले हैं / अरविंद अकेला


हम पूरबवाले हैं / अरविंद अकेला 


जनाब,हम पूरब वाले हैं,

पश्चिम वाले नहीं,

हम कुँवारी लडकियों से,

इश्क नहीं लड़ाते,

नहीं उन्हें,

कभी जाल में फंसाते,

मानते हैं जिन्हें बहन,

उन्हें नहीं सताते हैं।


हम तो पूरब वाले हैं, 

हमें पूरब वाले हीं रहने दो,

कहता हूँ सच तो सच कहने दो,

हम किसी विशेष तिथि को

वेलेंटाइन डे नहीं मनाते हैं,

हम करते हैं जिन्हें बेहद प्यार,

उन्हें दिन विशेष,

प्यार नहीं जताते हैं। 


हमारा प्यार,

सुबह से शुरू होता है,

जो दिन-दोपहर होते हुए, 

रात में खत्म हो जाता है,

हम करते हैं उसे,

बेहद प्यार,

पर उसे,

कभी नहीं बताते हैं।


हमारा प्यार,

शुभ प्रभात से शुरू होता है,

जो चाय की चुश्की से होते हुए,

अपनी ड्यूटी तक जाता है,

आते हैं जब शाम को,

आँखों की झप्पी तक जाता है,

रात में आलिंगन से गुजरते हुए,

मीठे सपने पर खत्म हो जाता है।


हम बाजारवाद के पोषक नहीं,

परिवारवाद के पोषक हैं,

हम जब प्यार में खुश होते हैं,

खीर,पुरी,मिठाई बनवाते हैं,

हम कैडवरी से काम नहीं चलाते,

पुरी मिठाई दुकान उठा लाते हैं,

हम उसे सिर्फ एक गुलाब नहीं देते,

पुरा गुलदस्ता उठा लाते हैं।

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    अरविन्द अकेला,पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27

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