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जहाँ मन्नत मांगी जाती है मोटरसाईकिल से ! - क्रांतिवीर : बलजी-भूरजी
क्रांतिवीर : बलजी-भूरजी - स्वास्थ्यवर्धक एलोवेरा"ग्वार पाठा"
स्वास्थ्यवर्धक एलोवेरा"ग्वार पाठा - राजस्थानी प्रेम कहानी : मूमल महिंद्रा
क्रांतिवीर : बलजी-भूरजी
राजस्थान में शेखावाटी राज्य की जागीर बठोठ-पटोदा के ठाकुर बलजी शेखावत दिनभर अपनी जागीर के कार्य निपटाते,लगान की वसूली करतेRead moreस्वास्थ्यवर्धक एलोवेरा"ग्वार पाठा"
पोष्टिक आहारीय पूरकों में एलेवेरा (गवार पाठा ) का नाम आजकल सबसे ज्यादा चर्चित है | बाजार में एलोवेरा के उत्पादों के कई निर्माता लगे है जिनमे बाबा रामदेव व फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट मुख्य है Read moreराजस्थानी प्रेम कहानी : मूमल महिंद्रा
मूमल की सहेली कहने लगी- "क्या आपने मूमल का नाम नहीं सुना ? उसकी चर्चा नहीं सुनी ? मूमल जो जगप्यारी मूमल के नाम से पुरे माढ़ (जैसलमेर) देश मे प्रख्यात है | Read more Showing newest posts with label Rajasthani Kahaniya. Show older posts
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8 रामप्यारी रो रसालो
By Ratan Singh Shekhawat on Aug 7, 2011
उन दिनों पुरे राजस्थान और राजस्थान के सभी रजवाड़ों को मराठों ने लूटपाट कर तंग कर रखा था| मेवाड़ भी मराठों से तंग तो था ही ऊपर से वहां गृह कलह भी फ़ैल गया| चुण्डावत और शक्तावतों के बीच आपस ने अनबन चल रही थी| और उसी वक्त महाराणा अड़सिंह जी अपने दोनों पुत्रों हमीरसिंह और भीमसिंह को कम उम्र में ही छोड़कर चल बसे| ऐसी हालात में मेवाड़ के राज्य कार्य का भार और नाबालिग बच्चो का पालन-पोषण का सारा जिम्मा रानी झालीजी के ऊपर आ गया| वे मेवाड़ की बाईजीराज की गद्दी पर बैठे| मेवाड़ में...
10 मृत्यु के वक्त भी कविता
By Ratan Singh Shekhawat on Aug 1, 2011
मेवाड़ के महाराणा अड़सिंहजी के वक्त मेवाड़ में जबरदस्त गृह कलह फैला हुआ था| देवगढ के रावत राघोदासजी इस गृह कलह को करवाने वालों के मुखिया था राघोदासजी के कहने से माधोराव सिंधिया भी मेवाड़ के गृह कलह में शामिल हो गया और मेवाड़ पर चढ़ाई करने के लिए चल दिया| मेवाड़ के सभी सरदारों व मुसाहिबों ने आपसी सलाह कर उज्जैन में जाकर माधोरावसिंधिया से मुकाबला करने की ठानी| सिंधिया के पास ३५००० हजार सैनिक थे और उसके मुकाबले मेवाड़ की फ़ौज बहुत छोटी थी पर मेवाड़ वालों ने साहपुरा के...
15 कविता की करामात
By Ratan Singh Shekhawat on Jul 24, 2011
कवि अपनी दो पंक्तियों में भी वह सब कह देता है जितना एक गद्यकार अपने पुरे एक गद्य में नहीं कह पाता,राजा महाराजाओं के राज में कवियों को अभिव्यक्ति की पूरी आजादी हुआ करती थी और वे कवि अपने इस अधिकार का बखूबी निडरता से इस्तेमाल भी करते थे|राजस्थान के चारण कवि तो इस मामले बहुत निडर थे राजा कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो उसकी गलत बात पर ये चारण कवि अपनी कविता के माध्यम से राजा को खरी खरी सुना देते थे|शासक वर्ग इन कवियों से डरता भी बहुत था कि कहीं ये कवि उनके खिलाफ कही कविताएँ...
11 खुदाय बावळी : कहानी
By Ratan Singh Shekhawat on Jul 9, 2011
बहुत पुरानी बात है एक नगर में एक मुल्ला जी रहते थे और उसी नगर के दुसरे मोहल्ले में एक सिपाही अल्लेदाद रहता था| दोनों ही बेरोजगार थे कमाई का कोई साधन नहीं, दोनों के ही घर में घोर गरीबी| एक दिन मुल्लाजी कमाई करने अपने नगर से दुसरे नगर के लिए निकले उधर अल्लेदाद भी नौकरी की तलाश में निकला| रास्ते में शाम को दोनों ही एक कस्बे में पहुंचे,वहीँ दोनों की आपस में मुलाकात हुई,बात बात में दोनों को पता चला कि दोनों एक ही नगर के रहने वाले है सो दोनों में दोस्ती हो गयी| उस कस्बे में...
9 खींवा और बींजा : दो नामी चोर - भाग-2
By Ratan Singh Shekhawat on Jul 4, 2011
भाग-१ से आगे...जय-विजय घोड़ियों की चोरी से हुई कमाई से दोनों मौज कर रहे थे| एक दिन खींवा की पत्नी दोनों को प्याला देते हुए बोली-" आप दोनों का जैसा नाम है वैसा ही आपने काम भी किया| जय विजय घोड़ियाँ चुरा लाये| बहुत बड़ा काम किया| पर दोनों मिलकर कोई बड़ा काम कर सको वैसा काम तो अभी बाकी ही है|खींवा ने हँसते हुए कहा- "आपका अभी भी मन नहीं भरा क्या?"मन भरने वाली बात नहीं है| मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों मिलकर कोई एसा काम करो जो दुनियां में बात चले| आदमी नहीं रहता चला जाता है...
19 खींवा और बींजा : दो नामी चोर - भाग-1
By Ratan Singh Shekhawat on Jul 2, 2011
सैकड़ों वर्ष पहले की बात है,मारवाड़ राज्य में खींवा और बींजा नाम ले दो नामी चोर रहते थे | बींजा सोजत में और खींवा नाडोल नगर में | दोनों अपने हुनर में माहिर | नामी चोर,पर आस-पास में कभी चोरी ना करे | दूर दूर गुजरात और मालवा में जाकर चोरियां करते | उज्जैन और अहमदाबाद के सेठों को ये दोनों चोर सपने में दीखते | इन दोनों के नाम से सेठ-सेठानियों को नींद तक नहीं आती थी | दोनों हाथ सफाई के इतने चतुर कि सोये व्यक्ति के कपड़े उतार ले और सोने वाले की नींद भी ना टूटने दे | चोरी...
6 प्रणय और कर्तव्य
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 28, 2011
रणथंभौर दुर्ग पर अल्लाउद्दीन खिलजी ने पिछले तीन महीनों से घेरा डाल रखा था | उसके बागी सेनानायक महिमाशाही (मुम्मदशाह) को रणथंभौर के शासक हम्मीरदेव चौहान ने शरण दे रखी थी उसी बागी को वापस पाकर दण्डित करने के उद्देश्य से अल्लाउद्दीन ने हम्मीरदेव के किले पर आक्रमण किया और घेर लिया |किले की पिछोली बुर्ज जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण थी कारण था पिछोली बुर्ज से ही रनिवास पर हमला किया जा सकता था पर किले के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने वीर लख्खाराव को नियुक्त कर रखा था...
11 चोर की चतुराई : राजस्थानी कहानी, भाग- 2
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 26, 2011
भाग १ से आगे जब खापरिया चोर ने राजा के सभी खास सरदारों की भी अच्छी तरह से आरती उतरवा दी तो राजा का और गुस्सा आया राजा ने अपने मंत्रियों से कहा -" ये चोर तो रोज चोट पर चोट किये जा रहा है अब इसे पकड़ना बहुत जरुरी हो गया है | वैसे कांटा निकालने के लिए काटें की ही जरुरत पड़ती है इसलिए इसे पकड़ने के जिम्मेदारी चोरों को ही देते है,चोर चोर की हर हरकत से वाकिफ होता है इसलिए राज्य के सभी चोरों को इकठ्ठा कर इसके पीछे लगा देते है वे इसे पकड़ने में जरुर कामयाब होंगे |"नगर के सभी...
14 चोर की चतुराई, भाग-1: राजस्थानी कहानी
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 24, 2011
एक राजा के राजमहल में एक नौकर था | उसकी चोरी करने की आदत थी | राजमहल में छोटी-मोटी चीजों पर अक्सर वह अपने हाथ की सफाई दिखा ही दिया करता था | हालांकि वह खुद तो छोटा चोर था पर उसकी दिली आकांक्षा थी कि उसका बेटा नामी चोर बने | एसा चोर बने जिसकी चोरी की बाते चलें | यही सोच उसने अपने बेटे को भी चोरी की कला का प्रशिक्षण दिया कई सारे चोरी के गुर सिखाये | फिर भी उसे तसल्ली नहीं थी कि पता नहीं उसका बेटा नामी चोर बन पायेगा या नहीं,क्योंकि वह खुद भी बूढ़ा हुआ जा रहा था | बेटा...
9 पत्र का जबाब
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 23, 2011
मुगलों के राज में राजा महाराजाओं को मुग़ल दरबार में पद (मनसब) उनकी राजनैतिक हैसियत के साथ युद्धों में दिखाई गयी उनकी वीरता आदि के आधार पर दिए जाते जाते थे जिसकी तलवार में जितना जोर उसका मनसब उतना बड़ा | इसलिए मुग़ल दरबार में मनसब बांटते समय कोई विवाद नहीं रहता था | पर जब भारत में अंग्रेजों का राज जम गया और देशी रियासतों के राजाओं ने उनसे संधियाँ करली तब कानून व्यवस्था अंग्रेजों ने अपने हाथों में ले ली,अब मुग़ल काल में होने वाले युद्ध भी बंद हो गए तो राजा,महाराजाओं,अमीरों,नबाबों...
5 बांका पग बाई पद्मा रा
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 20, 2011
राजस्थान में एक कहावत है "बांका पग बाई पद्मा रा" यदि आपको किसी बात पर किसी व्यक्ति पर पूरा शक है कि ये गलती इसी की है तो कह दिया जाता "बांका पग बाई पद्मा रा" अर्थात कसूर तो इसका ही है |संदर्भ कथा -आज से कोई चार सौ वर्ष पहले मारवाड़ राज्य के एक गांव में मालाजी सांदू नाम के एक बारहठ जी (चारण) रहते थे उनके एक पद्मा नाम की बहन थी | राजस्थान में चारण जाति के लोग हमेशा से बहुत बढ़िया कवि रहे है | पद्मा भी बहुत अच्छी कविताएँ कहने में माहिर थी एक अच्छी कवियत्री होने के साथ...
7 बीकानेर का राजकुमार वीर अमरसिंह
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 17, 2011
बीकानेर के राजा रायसिंहजी का भाई अमरसिंह किसी बात पर दिल्ली के बादशाह अकबर से नाराज हो बागी बन गया था और बादशाह के अधीन खालसा गांवों में लूटपाट करने लगा इसलिए उसे पकड़ने के लिए अकबर ने आरबखां को सेना के साथ जाने का हुक्म दिया | इस बात का पता जब अमरसिंह के बड़े भाई पृथ्वीराजसिंह जी को लगा तो वे अकबर के पास गए बोले-" मेरा भाई अमर बादशाह से विमुख हुआ है आपके शासित गांवों में उसने लूटपाट की है उसकी तो उसको सजा मिलनी चाहिए पर एक बात है आपने जिन्हें उसे पकड़ने हेतु भेजा है...
14 कितने जगमाल ?
By Ratan Singh Shekhawat on Jun 8, 2011
उस समय अहमदाबाद पर महमूद बेग का शासन था,उसके राज्य में पाटण नाम का एक नगर उसका सूबेदार हाथीखान | पाटण नगर के अधीन ही एक गांव का तेजसिंह तंवर नाम का एक राजपूत रहवासी | तेजसिंह नामी धाड़ायती,दूर तक धाड़े (डाके) डालता,उसके दल में तीन सौ हथियार बंद वीर राजपूत | उसके नाम से करोडपति और लखपति कांपते थे | वह धनि व्यक्तियों के यहाँ डाका डालता और धन गरीबों में बाँट देता | गरीब ब्राह्मणों की कन्याओं के विवाह में खर्च करता,चारण कवियों को दिल खोलकर भेंट देता | धनि व्यक्तियों को...
तकनीक
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वर्डप्रेस ब्लोगिंग स्क्रिप्ट में मेनू बार सेट करने की बहुत बढ़िया सुविधा दी गयी... - गुणवत्ता बरकरार रखते हुए चित्र का आकार छोटा करें
अक्सर कई ब्लॉग पढ़ते हुए आपने देखा होगा कि ब्लॉग पोस्ट में लगी फोटो काफी देर... - import your facebook contact in google+ अपने फेसबुक संपर्क पते गूगल+ में आयात करें
आपके फेसबुक पर काफी मित्र है और आप चाहते है कि उन सब मित्रों के संपर्क पते...
इतिहास
- रामप्यारी रो रसालो
उन दिनों पुरे राजस्थान और राजस्थान के सभी रजवाड़ों को मराठों ने लूटपाट कर तंग... - इतिहास प्रसिद्ध ताकतवर दासी : रामप्यारी
राजस्थान में दास और दासी प्रथा सदियों तक चलती रही| इस कुप्रथा के परिणाम भी बड़े... - मृत्यु के वक्त भी कविता
मेवाड़ के महाराणा अड़सिंहजी के वक्त मेवाड़ में जबरदस्त गृह कलह फैला हुआ था|...
स्व.तनसिंह जी की कलम से
- दुर्भाग्य का सहोदर
एक ओर सात और दूसरी ओर ग्यारह अक्षौहिणी सेना के बीच जीने और मरने की बाजी लग रही... - बङगङां बङगङां बङगङां -1
साम्राज्य और स्वतंत्रता के बीच निर्णायक संग्राम चल रहा है और खानवा के युद्ध... - वैरागी चित्तौड़-1
स्व.श्री तनसिंहजी की कलम से यह चित्तौड़ है,जिसके नाम से एक त्वरा उठती है,एक हुक...
स्वास्थ्य
- पारम्परिक हड्डी रोग विशेषज्ञ
कल भरतपुर जिले के डीग कस्बे के पास मौरौली गांव जाना हुआ | यह गांव टूटी हड्डियों... - एलोवेरा (ग्वार पाठा )
पिछले दशक से स्वस्थ और स्वास्थ्य सम्बन्धी जीवन शैली सबसे ज्यादा चर्चा और ज्यादा... - कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने वालो :सावधान
ज्यादा देर तक कंप्यूटर काम करते समय यदि हम अपने बैठने का, माउस पकड़ने का तरीका...
कविताएँ,विडियो
- इसलिए बस मेरे शहर चली आई
उस स्टेशन पर तुम बदहवास सी दौड़ रही थीगाड़ी तो आई नहीं थी ,पर तुम घबरा रही... - औरत होने का अहसास
बचपन से देखा है माँ को घर के कामों में पीसता हुआसुबह से शाम वो बिना किसी मजदूरी... - नालायक
मैं बड़ा बेटा घर का धीरज ,छोटा भाई हे मेरा नीरजनाम उसका नीरज हे पर सब उसे...
ताऊ के किस्से
- देर है अंधेर नहीं
बहुत पुरानी बात है एक गांव में एक किसान रहता था | खेत खलिहान,दुधारू पशु आदि सब... - ताऊ ने बनाया कुल्हाड़ी का हलवा
ताऊ के पड़ोस के एक गांव में एक बहुत ही कंजूस बुढ़िया रहती थी | एक दिन ताऊ उसी... - हूँ मर ज्या सूं जद थारौ कांई हुसी :ताऊ बुझागर
एक सुबह जब किसान अपने खेतों में पहुंचे तब रेत के धोरों पर उगी अपनी बाजरे की तहस...
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