मंगलवार, 16 अगस्त 2011

रंजन कुमार सिंह-Home जिलावासियों को समर्पित है सम्मान : रंजन ‘सरहद जीरोमील’ नामक पुस्तक पर रक्षा मंत्रालय ने किया सम्मानित पुस्तक लेखन में सैनिकों ने किया सहयोग औरंगाबाद (कोर्ट) : वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार रंजन कुमार सिंह ने रक्षा मंत्रालय से मिले सम्मान को जिलावासियों को समर्पित कर दिया है. वे देव प्रखंड के भवानीपुर गांव के रहने वाले हैं. वे पूर्व सांसद व साहित्यकार स्व शंकर दयाल सिंह के पुत्र हैं. इन्होंने ‘सरहद जीरोमील‘ नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें सरहद पर तैनात सैनिकों के जीवन से -ब- कराया गया है. रक्षा मंत्रालय ने इस पुस्तक के लिए श्री सिंह को सम्मानित किया है. सम्मान लेने के बाद उन्होंने प्रतिनिधि से बातचीत के दौरान कहा कि यह सम्मान पूरे जिलावासियों को समर्पित है. क्योंकि आज वे जो कुछ भी हैं वह इस जिले की देन है. यहां के लोगों से मिले प्रेम, स्नेह व आशीर्वाद को वे कभी नहीं भूल सकते हैं. उन्होंने कहा कि पुस्तक की रचना के दौरान जब वे कश्मीर की यात्रा पर थे, तब वहां तैनात सेना के अधिकारियों व जवानों ने जो सहयोग दिया उसे सहेज कर रखे हैं. हमें जो सम्मान मिला है इसके पीछे सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान है. श्री सिंह की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. रक्षा राज्यमंत्री पल्लम राजू ने इन्हें सम्मानित किया है. इसके पहले भी श्री सिंह को कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.



‘सरहद जीरोमील’ नामक पुस्तक पर रक्षा मंत्रालय ने किया सम्मानित
पुस्तक लेखन में सैनिकों ने किया सहयोग
औरंगाबाद (कोर्ट) : वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार रंजन कुमार सिंह ने रक्षा मंत्रालय से मिले सम्मान को जिलावासियों को समर्पित कर दिया है. वे देव प्रखंड के भवानीपुर गांव के रहने वाले हैं.
वे पूर्व सांसद व साहित्यकार स्व शंकर दयाल सिंह के पुत्र हैं. इन्होंने ‘सरहद जीरोमील‘ नामक पुस्तक लिखी है, जिसमें सरहद पर तैनात सैनिकों के जीवन से -ब- कराया गया है. रक्षा मंत्रालय ने इस पुस्तक के लिए श्री सिंह को सम्मानित किया है. सम्मान लेने के बाद उन्होंने प्रतिनिधि से बातचीत के दौरान कहा कि यह सम्मान पूरे जिलावासियों को समर्पित है. क्योंकि आज वे जो कुछ भी हैं वह इस जिले की देन है. यहां के लोगों से मिले प्रेम, स्नेह व आशीर्वाद को वे कभी नहीं भूल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पुस्तक की रचना के दौरान जब वे कश्मीर की यात्रा पर थे, तब वहां तैनात सेना के अधिकारियों व जवानों ने जो सहयोग दिया उसे सहेज कर रखे हैं. हमें जो सम्मान मिला है इसके पीछे सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान है. श्री सिंह की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. रक्षा राज्यमंत्री पल्लम राजू ने इन्हें सम्मानित किया है. इसके पहले भी श्री सिंह को कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी दिवस लेख श्रृंखला 2/3 अतुल प्रकाश

अतुल प्रकाश  हिंदी निबंध श्रृंखला: हिंदी दिवस पखवाड़ा-२ *हिन्दी के सबसे विवादास्पद शब्द : नीच से गोदी मीडिया तक, शब्दों की समय-यात्रा- अतुल ...