प्रस्तुति- अनामी शरण बबल हिंदी की सर्वप्रथम कहानी कौनसी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है.हिंदी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्लाह खाँ की 'रानी केतकी की कहानी' (सन् 1803 या सन् 1808 ), राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' (19 वीं सदी का उत्तरार्द्ध), किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' (सन् 1900), माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' (सन् 1901), आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' (सन् 1903) और बंग महिला की 'दुलाई वाली' (सन् 1907) नामक कहानियाँ आती हैं. इनमें से किसी ना किसी कहानी को अलग अलग विद्वानों के अपने अपने तर्कों के अनुसार पहली कहानी माना जाता रहा है. सबसे विचित्र बात यह है कि कहानी के रचनाकाल के निर्धारण की अपेक्षा कहानी के स्वरुप को लेकर तर्क ज्यादा उठाते रहे हैं. सबसे ज्यादा हास्यास्पद और स्वार्थपूर्ण खींचतान में सन् 1803 या 1808 में लिखी 'रानी केतकी की कहानी' के एक सौ बारह या एक सौ सात साल बाद
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