: हिंदी दिवस पखवाड़ा-
*भारतीय पुरुषों की आन- बान और शान का प्रतीक 'मूंछ' स्त्रीलिंग होती है तथा भारतीय औरतों की पहचान का प्रतीक 'सिंदूर' स्त्रीलिंग होता है?-
अतुल प्रकाश*
*(हिंदी शब्दों के लिंगभेद परंपरा और सिद्धांत)*
इस मजे की बात शुरुआत करते हैं भारतीय पुरुषों की आन बान और शान का प्रतीक *"मूंछ"* एक स्त्रीलिंग शब्द है और भारतीय महिलाओं का प्रतीक ' *सिंदूर*' एक पुल्लिंग शब्द है। ऑपरेशन सिंदूर की तो चर्चा आपने सुनी ही होगी। खैर छोड़िए इन सब बातों को अब हम चर्चा करते हैं हिंदी शब्दों के *लिंग भेद* यानी स्त्रीलिंग-पुलिंग विवेचना के संबंध में परंपरा और सिद्धांत के विषय में।
जहां तक मेरी जानकारी है *हिंदी में स्त्रीलिंग-पुलिंग के भेद को परंपरा और सिद्धांत दोनों के अनुसार प्रयोग किया जाता है।*
अब हम परंपरा की बात करते हैं हिंदी की जननी भाषा संस्कृत में तीन लिंग होते हैं स्त्रीलिंग , पुलिंग तथा नपुंसक लिंग परंतु हिंदी में मात्र दो ही लिंग होते हैं स्त्रीलिंग और पुल्लिंग और प्रश्न उठता है कि नपुंसक लिंग वाले शब्दों की विवेचना कैसे की जाए तो यहां समझना जरूरी है की हिंदी में भी नपुंसक लिंग के शब्द होते हैं।
*नपुंसक शब्द:* -
हिंदी व्याकरण में, नपुंसक शब्द वे होते हैं जो न तो स्त्रीलिंग होते हैं और न ही पुल्लिंग। ये शब्द अक्सर निर्जीव वस्तुओं, भावनाओं, या अमूर्त चीजों को दर्शाते हैं।
नपुंसक शब्द की विशेषताएं
- *लिंग*: नपुंसक शब्द किसी विशिष्ट लिंग (स्त्री या पुरुष) से संबंधित नहीं होते।
- *उदाहरण*: पानी, दूध, ज्ञान, प्रेम, सुख, दुख।
- *प्रयोग*: इन शब्दों के लिए विशेष लिंग चिह्न नहीं होते, और ये अक्सर एकवचन या बहुवचन में प्रयोग होते हैं।
नपुंसक शब्द हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये विशिष्ट लिंग वर्गीकरण से अलग होते हैं। ये शब्द अक्सर वस्तुओं, भावनाओं, या अमूर्त अवधारणाओं को दर्शाते हैं।
*हिंदी में लिंग भेद-*
हिंदी में शब्द दो लिंगों के होते हैं: *पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।*
*पुल्लिंग*
- हिंदी के वैसे शब्द जिससे पुरुष जाति का बोध हो (जैसे छात्र, शेर) और *स्त्रीलिंग* वह संज्ञा है जिससे स्त्री जाति का बोध हो (जैसे छात्रा, शेरनी)।
कभी-कभी सिद्धांत के विपरीत भी परंपरा अनुसार स्त्रीलिंग-पुलिंग का भेद किया जाता है। ऐसे कई उदाहरण आप सभी को हिंदी में मिल जाएंगे।
: *हिंदी में लिंग के प्रकार-*
*1. पुल्लिंग:*
जिस संज्ञा शब्द से पुरुष जाति का बोध होता है, वह पुल्लिंग कहलाता है।
उदाहरण: लड़का, राजा, शिक्षक, छात्र, शेर।
*2. स्त्रीलिंग:*
जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, वह स्त्रीलिंग कहलाता है।
उदाहरण: लड़की, रानी, शिक्षिका, छात्रा, शेरनी।
लिंग भेद के सिद्धांत (नियम)
*लिंग निर्धारण के कई सिद्धांत हैं:*
*पुरुष और स्त्री जाति का बोध:*
पुरुषों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं (जैसे - चाचा, नौकर)।
स्त्रियों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द स्त्रीलिंग होते हैं (जैसे - चाची, नौकरानी)।
*प्राकृतिक लिंग:*
कुछ शब्दों का लिंग प्राकृतिक होता है, जैसे – पर्वत, समुद्र, ग्रह आदि प्रायः पुल्लिंग होते हैं (जैसे हिमालय, हिंद महासागर), जबकि नदी, पृथ्वी आदि प्रायः स्त्रीलिंग होती हैं (जैसे गंगा)।
*प्रत्यय के आधार पर:*
*आमतौर पर 'आ' और 'इ' में समाप्त होने वाले संज्ञा शब्द पुल्लिंग होते हैं।"*
*'ई' से समाप्त होने वाले शब्द अक्सर स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे - भाषा, आशा।*
*कुछ प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग* बनाया जाता है, जैसे 'लड़का' से 'लड़की', 'बंदर' से 'बंदरिया'।
*निर्जीव वस्तुओं का लिंग:*
कई निर्जीव वस्तुएँ भी व्याकरणिक रूप से पुल्लिंग या स्त्रीलिंग होती हैं।
पुल्लिंग के उदाहरण: घर, शहर, बगीचा, बंगला, दूध, चावल।
स्त्रीलिंग के उदाहरण: भाषा, आशा, किताब, मिठाई, रोटी, दाल, दाल।
*कुछ महत्वपूर्ण समूह:*
धातुएँ: पारा, पीतल, सोना, तांबा पुल्लिंग होते हैं, अपवाद स्वरूप चाँदी स्त्रीलिंग है।
रत्न: नीलम, पुखराज, मोती पुल्लिंग होते हैं।
*पर्वत और देशों के नाम:* पर्वतों के नाम प्रायः पुल्लिंग होते हैं, जैसे हिमालय, भारत।
नदियों के नाम: ये प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे गंगा, यमुना परंतु सोन नदी और ब्रह्मपुत्र नदी पुलिंग है।
: *हिंदी के प्रशासनिक शब्दों का लिंगनिर्णय-*
हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रशासनिक शब्द जैसे- राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति, न्यायाधीश, अधिवक्ता, प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, मंत्री, उपमुख्यमंत्री , जिलाधिकारी, समाहर्ता, उपसमाहर्ता, आरक्षी अधीक्षक आदि:-आदि शब्द हिंदी में पुलिंग होते हैं और वे रूढ़ होते हैं अर्थात उनके अर्थ तथा लिंग में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
*निष्कर्ष-*
हिंदी शब्दों के प्राकृतिक या व्याकरणिक लिंग के अनुसार क्रिया, विशेषण और सर्वनाम बदलते हैं, जिससे वाक्य में एकरूपता आती है।
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