by Ranjan Singh on Saturday, 28 July 2012 at 13:41 ·
देश भर के लगभग एक दर्जन सरकारी उपक्रमों ने साहित्यकार-सांसद स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह जी की स्मृति में राजभाषा पुरस्कार / सम्मान योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है. स्वर्गीय सिंह संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष थे और इसकी तीसरी उपसमिति के संयोजक भी. इस नाते देश भर के सरकारी उपक्रमों से उनका गहरा रिश्ता था और इन उपक्रमों में राजभाषा के कार्यों को गति देने में उनका बड़ा योगदान रहा था. उनकी प्रेरणा से ही अनेको लोक उपक्रमों में हिंदी पत्रिकाएँ शुरू हो सकी थी.
भारत सरकार के भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय ने सभी सरकारी उपक्रमों को पत्र लिख कर स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह जी के ७५वे सालगिरह के उपलक्ष्य में इस कर्मठ हिंदीसेवी की स्मृति में ऐसी योजना चलाने की सलाह दी थी जिससे कि सरकारी कर्मचारियों को राजभाषा में कार्य करने की प्रेरणा मिल सके. स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह जी का मानना था कि हम अपनी भाषा को छोड़ कर सार्वजनिक, सरकारी अथवा व्यक्तिगत कार्यों में हिंदी का प्रयोग न करें, तभी भारत बच सकेगा अन्यथा वह अपनी अस्मिता खो देगा. वह सरकारी हिंदी को बोलचाल की हिंदी के समान बनाना चाहते थे और भाषा में किसी भी तरह के आडम्बर के खिलाफ थे.
जिन लोक उपक्रमों ने अपने-अपने यहाँ ऐसी योजना लागू कर दी है उनमे प्रमुख हैं स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया (नई दिल्ली), ड्रेजिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (विशाखापत्तनम), एचएल लाइफकेयर लिमिटेड (तिरुवनंतपुरम), एनएचडीसी (भोपाल), भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (नई दिल्ली), पीईसी लिमिटेड (नई दिल्ली) तथा भारत संरचना वित्त कंपनी लिमिटेड (नई दिल्ली). इन सभी ने राजभाषा में प्रशंसनीय कार्य के लिए अपने किसी एक कर्मी को शंकर दयाल सिंह स्मृति सम्मान / पुरस्कार देने की घोषणा की है. ये पुरस्कार हर वर्ष हिंदी दिवस पर दिए जायेंगे.
इनके अलावा भारत प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम ने राजभाषा में प्रशंसनीय कार्य करने वाली इकाई के लिए शंकर दयाल सिंह चल वैजयंती आरम्भ किया है. इस के साथ ही वह अपने किसी एक कर्मी को शंकर दयाल सिंह स्मृति प्रशस्ति पत्र तथा नगद पुरस्कार भी देगा. इसी तरह नेशनल सीड्स कारपोरेशन लिमिटेड ने अखिल भारतीय स्तर पर अपने कर्मियों के बीच शंकर दयाल सिंह स्मृति निबंध प्रतियोगिता का शुभारंभ किया है.
यह पहला अवसर है जबकि किसी हिंदी सेवी के सम्मान में इतने व्यापक स्तर पर पुरस्कार योजनाएं शुरू की गई हों. इस वर्ष शंकर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष सम्माननीय डॉक्टर कर्ण सिंह जी हैं. अब तक दिल्ली के अलावा गोवा, इंदौर तथा औरंगाबाद (बिहार) में क्रमशः शंकर अमृत महोत्सव समिति, गोमांतक हिंदी विद्यापीठ, श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति तथा शंकर अमृत महोत्सव उपसमिति (औरंगाबाद) के तत्वावधान में इसके कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं. एक कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में महामहिम (पूर्व) राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटील के सान्निध्य में भी हो चुका है. शंकर अमृत महोत्सव नई दिल्ली में २७ दिसम्बर २०११ को स्वर्गीय सिंह के ७५वे जन्मदिन से शुरू हुआ था और २७ दिसम्बर २०१२ तक चलेगा.
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