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Monday, July 30, 2012
मेरी कामना
आँखों में सपने लिए
दिल के अरमानों से
कुछ लफ़्ज़ों को
कागज पर उतार दिया
पर
सम्पादक महोदय ने इन्कार कर
मुझको फटकार दिया
इसलिए
मैं चुपचाप बैठी थी अलसाई- सी
और दिल में दुनिया से रूसवाई थी
न कहीं ये दिल लगता था
बस यूहीं ये भटकता था
किन्तु
जब साथ दिया मेरी माँ ने
तब
मन उड़ने लगा हवा में
फिर
अन्धकार से हुआ सवेरा
धीरे-धीरे
जीवन सँवरने लगा मेरा
उम्मीदों से भरकर
मैं फिर लिखने लगी
आखिर
वो शुभ घड़ी आई
और
मेरी मेहनत रँग लाई
एक नहीं अनेक सम्पादकों ने
मेरी कविताएँ छपवाई
पूरी हुई मेरी कामना
अब दुनिया मेरी हो गई रोशनाई
डॉ.प्रीत अरोड़ा
शिक्षा-एम.ए हिन्दी पँजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से (यूनिवर्सिटी टापर),पी.एचडी(हिन्दी)पँजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से,बी.एड़ पँजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से . कार्यक्षेत्र—शिक्षिका अध्ययन एवं स्वतंत्र लेखन व अनुवाद । अनेक प्रतियोगिताओं में सफलता, आकाशवाणी व दूरदर्शन के कार्यक्रमों तथा साहित्य उत्सवों में भागीदारी, हिंदी से पंजाबी तथा पंजाबी से हिंदी अनुवाद। देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं व समाचार-पत्रों में नियमित लेखन । वेब पर मुखरित तस्वीरें नाम से चिट्ठे का सम्पादन. अनेक किताबों में रचनाएँ प्रकाशित सम्मान-अमर उजाला की ओर से सम्मानित पुरस्कार-‘वुमेन आन टाप ’पत्रिका के ओर से कहानी पुरस्कृत (मई-2012 ) युवा लेखिका के लिए राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड (2012) से सम्मानित “अनुभूति” नामक काव्य-संग्रह का सम्पादन (प्रकाशाधीन ) मनमीत पत्रिका का अतिथि सम्पादन ।
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