शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

शेरजंग गर्ग की कविताएं

                          
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क्या हो गया कबीरों को / शेरजंग गर्ग
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क्या हो गया कबीरों को / शेरजंग गर्ग
ग़लत समय में सही बयानी / शेरजंग गर्ग
खुद से रूठे हैं हम लोग / शेरजंग गर्ग
आदमी हर तरह लाचार है / शेरजंग गर्ग
सतह के समर्थक समझदार निकले / शेरजंग गर्ग
आदमी की अज़ीब सी हालत है / शेरजंग गर्ग
हौंसलों में फ़कत उतार सही / शेरजंग गर्ग
आवाज़ आ रही है / शेरजंग गर्ग
मत पूछिए क्यों / शेरजंग गर्ग
कोई शहर गुमशुदा है / शेरजंग गर्ग
काफ़ी नहीं तुम्हारा / शेरजंग गर्ग
दर्द की चाशनी है / शेरजंग गर्ग
मेरे समाज की हालत / शेरजंग गर्ग
स्वच्छ, सजग अधिकार कहाँ / शेरजंग गर्ग
सब करार को तरसे / शेरजंग गर्ग
काँच निर्मित घरों के / शेरजंग गर्ग
ऐसी हालत मे क्या किया जाए / शेरजंग गर्ग
हम क्यों न सबको ठीक तरज़ू पे तोलते / शेरजंग गर्ग
बुझ गई रोशनी / शेरजंग गर्ग
चोटियों में कहाँ गहराई है / शेरजंग गर्ग
खुश हुए मार कर ज़मीरों को / शेरजंग गर्ग
जब पूछ लिया उनसे / शेरजंग गर्ग
न पूछिए हम कहाँ से / शेरजंग गर्ग
आप कहने को बहुत ज्यादा बड़े है / शेरजंग गर्ग
चन्द सिक्को की खुराफ़ात से क्या होना है / शेरजंग गर्ग
नर्म रहकर न यहाँ बैठना, न चलना होगा / शेरजंग गर्ग
महाजनो के ऊँचे तर्क / शेरजंग गर्ग
सारे जलते प्रश्न खो गए / शेरजंग गर्ग
हारे पहुँचे हुए वकील / शेरजंग गर्ग
पा गए लोग बड़े पद प्यारे / शेरजंग गर्ग
देश को शौक से खाते रहिए / शेरजंग गर्ग
देस-परदेस में जनतंत्र का हंगामा है / शेरजंग गर्ग
हम तिकड़मों के बल पर शासन सम्भालते हैं / शेरजंग गर्ग
देश चारो ओर धू-धू जल रहा है / शेरजंग गर्ग
गम का पर्वत, तम का झरना / शेरजंग गर्ग
लोग क्यो व्यर्थ हमसे जलते है / शेरजंग गर्ग
मंज़िलो की नज़र में रहना है / शेरजंग गर्ग
ज़िन्दगी-सी यों ज़िन्दगी भी नहीं / शेरजंग गर्ग
आपको खास जगह जाना है / शेरजंग गर्ग
मेरा सवाल है, न तुम्हारा सवाल है / शेरजंग गर्ग
होश की बात बड़ी बात है / शेरजंग गर्ग
एक खास काम कर रहा है आम आदमी / शेरजंग गर्ग
ये जो कुछ ज़ख़्म खिले है यारों / शेरजंग गर्ग
साल आकर बड़ी तेज़ी से गुज़र जाते है / शेरजंग गर्ग
सादगी की मिसाल हो तुम तो / शेरजंग गर्ग
नयन है नशीले नज़रों से परिचित / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
तुम्ही मिल गए हो डगर के बहाने / शेरजंग गर्ग
न करता शिकायत ज़माने से कोई / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
भ्रमर को मिला जब सुमन का निमंत्रन / शेरजंग गर्ग
तुम अगर बेकरार हो जाते / शेरजंग गर्ग
दूर बैठा हूँ हर हक़ीक़त से / शेरजंग गर्ग
अब तो कहने के लिए शेष कोई बात नहीं / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
फूलो की बेकरार निगाको के आसपास / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
सपनो की धूमिल छाया का आकार न भूलूंगा हरगिज़ / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
न देखो पीर उर की पर अधर की प्यास तो देखो / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
ग़लत समय में सही बयानी / शेरजंग गर्ग
खुद से रूठे हैं हम लोग / शेरजंग गर्ग
आदमी हर तरह लाचार है / शेरजंग गर्ग
सतह के समर्थक समझदार निकले / शेरजंग गर्ग
आदमी की अज़ीब सी हालत है / शेरजंग गर्ग
हौंसलों में फ़कत उतार सही / शेरजंग गर्ग
आवाज़ आ रही है / शेरजंग गर्ग
मत पूछिए क्यों / शेरजंग गर्ग
कोई शहर गुमशुदा है / शेरजंग गर्ग
काफ़ी नहीं तुम्हारा / शेरजंग गर्ग
दर्द की चाशनी है / शेरजंग गर्ग
मेरे समाज की हालत / शेरजंग गर्ग
स्वच्छ, सजग अधिकार कहाँ / शेरजंग गर्ग
सब करार को तरसे / शेरजंग गर्ग
काँच निर्मित घरों के / शेरजंग गर्ग
ऐसी हालत मे क्या किया जाए / शेरजंग गर्ग
हम क्यों न सबको ठीक तरज़ू पे तोलते / शेरजंग गर्ग
बुझ गई रोशनी / शेरजंग गर्ग
चोटियों में कहाँ गहराई है / शेरजंग गर्ग
खुश हुए मार कर ज़मीरों को / शेरजंग गर्ग
जब पूछ लिया उनसे / शेरजंग गर्ग
न पूछिए हम कहाँ से / शेरजंग गर्ग
आप कहने को बहुत ज्यादा बड़े है / शेरजंग गर्ग
चन्द सिक्को की खुराफ़ात से क्या होना है / शेरजंग गर्ग
नर्म रहकर न यहाँ बैठना, न चलना होगा / शेरजंग गर्ग
महाजनो के ऊँचे तर्क / शेरजंग गर्ग
सारे जलते प्रश्न खो गए / शेरजंग गर्ग
हारे पहुँचे हुए वकील / शेरजंग गर्ग
पा गए लोग बड़े पद प्यारे / शेरजंग गर्ग
देश को शौक से खाते रहिए / शेरजंग गर्ग
देस-परदेस में जनतंत्र का हंगामा है / शेरजंग गर्ग
हम तिकड़मों के बल पर शासन सम्भालते हैं / शेरजंग गर्ग
देश चारो ओर धू-धू जल रहा है / शेरजंग गर्ग
गम का पर्वत, तम का झरना / शेरजंग गर्ग
लोग क्यो व्यर्थ हमसे जलते है / शेरजंग गर्ग
मंज़िलो की नज़र में रहना है / शेरजंग गर्ग
ज़िन्दगी-सी यों ज़िन्दगी भी नहीं / शेरजंग गर्ग
आपको खास जगह जाना है / शेरजंग गर्ग
मेरा सवाल है, न तुम्हारा सवाल है / शेरजंग गर्ग
होश की बात बड़ी बात है / शेरजंग गर्ग
एक खास काम कर रहा है आम आदमी / शेरजंग गर्ग
ये जो कुछ ज़ख़्म खिले है यारों / शेरजंग गर्ग
साल आकर बड़ी तेज़ी से गुज़र जाते है / शेरजंग गर्ग
सादगी की मिसाल हो तुम तो / शेरजंग गर्ग
नयन है नशीले नज़रों से परिचित / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
तुम्ही मिल गए हो डगर के बहाने / शेरजंग गर्ग
न करता शिकायत ज़माने से कोई / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
भ्रमर को मिला जब सुमन का निमंत्रन / शेरजंग गर्ग
तुम अगर बेकरार हो जाते / शेरजंग गर्ग
दूर बैठा हूँ हर हक़ीक़त से / शेरजंग गर्ग
अब तो कहने के लिए शेष कोई बात नहीं / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
फूलो की बेकरार निगाको के आसपास / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
सपनो की धूमिल छाया का आकार न भूलूंगा हरगिज़ / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)
न देखो पीर उर की पर अधर की प्यास तो देखो / शेरजंग गर्ग (अब तक बनाया नहीं)

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जरा गांव में कुछ दिन ( या घर लौटकर ) तो देखो 😄😄

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