शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

अगर तुम दोनों न होतीं

सोचती हूं अगर तुम दोनों न होतीं तो मैं शायद कभी इतने अच्छे से नहीं जान पाती कि जुड़वा लोगों की ज़िंदगी कैसी होती है... शुक्रिया तुम्हारा, कि तुम दोनों ने ये मौक़ा मुझे दिया...
तुम्हारे जन्मदिन पर ये कविता तुम्हारे लिए.. Ankita Sinha और Akanksha Sinha...

बात है ये एक बार की
एक अजनबी शहर
और कुछ यार भी
इनके लिए एक नई ख़बर सी
शहर में आई दो लड़की।
एक सिक्के की दो पहलू वो
एक है सूरत
पर शख्सियत हैं दो
कभी सादा मिजाज़
कभी रहती हैं तड़की भड़की
शहर में आई दो लड़की।
आते आते यहां वो
संग अपने बैग में,
ले आई थोड़ा सा पटना
पुरानी ज़िंदगी भी
शहर में आई दो लड़की।
नाचती वो गाती भी
घूमती और घुमाती भी
किस्से ज़माने के सुनाती
बार्बी ब्रांड की गुड़िया सी
शहर में आई दो लड़की।
दोस्तों की चहेती
कलीग्स की वो लाडली
एक खिली मुस्कुराहट
एक दबी घबराहट
दो पैकिंग में एक तोहफे सी
शहर में आई दो लड़की ।
— with Akanksha Sinha and 3 others.
सोचती हूं अगर तुम दोनों न होतीं तो मैं शायद कभी इतने अच्छे से नहीं जान पाती कि जुड़वा लोगों की ज़िंदगी कैसी होती है... शुक्रिया तुम्हारा, कि तुम दोनों ने ये मौक़ा मुझे दिया...
तुम्हारे जन्मदिन पर ये कविता तुम्हारे लिए.. @[100002242478325:2048:Ankita Sinha] और @[100002511841501:2048:Akanksha Sinha]...

बात है ये एक बार की
एक अजनबी शहर
और कुछ यार भी
इनके लिए एक नई ख़बर सी
शहर में आई दो लड़की।
एक सिक्के की दो पहलू वो
एक है सूरत
पर शख्सियत हैं दो
कभी सादा मिजाज़ 
कभी रहती हैं तड़की भड़की 
शहर में आई दो लड़की।
आते आते यहां वो
संग अपने बैग में,
ले आई थोड़ा सा पटना 
पुरानी ज़िंदगी भी
शहर में आई दो लड़की।
नाचती वो गाती भी
घूमती और घुमाती भी
किस्से ज़माने के सुनाती
बार्बी ब्रांड की गुड़िया सी
शहर में आई दो लड़की।
दोस्तों की चहेती
कलीग्स की वो लाडली
एक खिली मुस्कुराहट
एक दबी घबराहट
दो पैकिंग में एक तोहफे सी
शहर में आई दो लड़की ।
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