प्रस्तुति-- प्रमोदज अखौरी
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस
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विवरण
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'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस' प्रत्येक वर्ष '18 मई' को मनाया जाता है। संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है।
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तिथि
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'18 मई'
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शुरुआत
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संयुक्त राष्ट्र ने 1983 में '18 मई' को 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया था।
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उद्देश्य
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इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आम जनता में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता फैलाना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक बनाना है।
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विशेष
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आज के दिन 'भारत सरकार' के सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है।
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संबंधित लेख
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'भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग'
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अन्य जानकारी
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'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद' 1992 से प्रत्येक वर्ष
एक विषय का चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने
एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित
करता है।
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अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस प्रत्येक वर्ष '18 मई'
को मनाया जाता है। संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर
रखा जाता है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में
लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। लोग तो चले
जाते हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा बनी रहती हैं। यह यादें भी कई तरह से
संजोकर रखी जाती हैं। हमारे पूर्वजों ने अपनी यादों को सुन्दर तरीक़े से
संजोकर रखा, जिससे कि हम भी उनके बारे में जान सकें। ऐसी कई चीज़ें हैं, जो
हमारे पूर्वज तो हमारे लिए रख कर गए, लेकिन उसे नुकसान ना पहुंचे, इसके
लिए कई संग्रहालय बना दिये गए, जो हमें अपने पूर्वजों को याद रखने में मदद
करते हैं।
शुरुआत
संग्रहालयों की विशेषता और उनके महत्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 1983 में '18 मई'
को 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया था।
इसका उद्देश्य आम जनता में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता फैलाना और उन्हें
संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक बनाना है।
उद्देश्य
यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में
जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 'अंतरराष्ट्रीय
संग्रहालय परिषद' के अनुसार, "संग्रहालय में ऐसी अनेक चीज़ें सुरक्षित रखी
जाती हैं, जो मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं। संग्रहालयों में रखी गई
वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं।" इस दिवस का
उद्देश्य विकासशील समाज में संग्रहालयों की भूमिका के प्रति जन-जागरूकता
को बढ़ाना है और यह कार्यक्रम विश्व में काफ़ी समय से मनाया जा रहा है।
'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद' 1992 से प्रत्येक वर्ष
एक विषय का चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने
एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित
करता है। वर्ष 2012 का विषय "बदलती दुनिया में संग्रहालय: नई चुनौतियाँ, नई प्रेरणाएँ" था।
अनमोल यादों का संग्रह
संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। किताबें, पाण्डुलिपियाँ, रत्न,
चित्र, शिला चित्र और अन्य सामानों के रूप में तमाम तरह की वस्तुएं
संग्रहालयों में हमारे पूर्वजों की यादों को ज़िंदा रखे हुई हैं। हर देश की
संस्कृति को समझने में कई वस्तुएं विशेष योगदान निभाती हैं, जिन्हें संग्रहालयों में ज़िंदा रखा जाता है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग
भारत
में भी 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस' पर तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित
किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आम जनता, छात्रों एवं
शोधार्थियों को विभिन्न संग्रहालयों में उपलब्ध समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
की जानकारी देना है। आज के दिन 'भारत सरकार' के सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है। 'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण' ने वर्ष 2011 के 'अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस' का विषय "संग्रहालय और स्मृति" (Museum and Memory) निर्धारित किया। 'भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग' के तहत देश में 40 से अधिक संग्रहालय हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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