मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
बेटी बनूं तो पिता की शान बन जाती हूं,
बहन बनूं तो भाई का अभिमान बन जाती हूं l
बीवी बनूं तो पति का भाग्य बन जाती हूं,
मां बनूं तो बच्चों की ढाल बन जाती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
होए जो पैसा पहन के गहने मैं बहुत इठलाती हूं,
हालात ना हो तो दो जोड़ी कपड़े में ही अपना जीवन बिताती हूं l
कभी तो अपनी हर बात में मनवा जाती हूं,
तो कभी चुप घड़ी औरों की बात सुन जाती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
कभी बनकर की लाडली मैं खूब खिलखिलाती हूं,
तो कभी दरिंदों से अपना दामन बचाती हूं l
कभी रख फूलों पर अपने कदम महारानी बन जाती हूं,
तो कभी दे अग्नि परीक्षा अपना अस्तित्व बचा जाती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
आए मौका खुशी का तो फूलों से नाजुक बन जाती हूं,
आए जो दुखों का तूफान तो चट्टान बन अपनों को बचाती हूं l
मिले जो मौका हर क्षेत्र पर अपना हुनर दिखलाती हूं,
जो ना मिले मौका तो चारदीवारी में ही अपना जीवन बिताती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
उड़ान भर्ती हूं तो चांद तक पहुंच जाती हूं,
मौके पड़ने पर बेटों का फर्ज भी निभा जाती हूं l
करके नौकरी पिता का हाथ बताती हूं,
दे कांधा उन्हें श्मशान भी पहुंचाती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
आए जो भी चुनौती उसका डट के सामना कर जाती हूं,
मिले जो प्यार तो घर को स्वर्ग सा सजाती हूं,
हुए जो अत्याचार तो बन काली सर्वनाश कर जाती हूं l
मैं कोई बोझ नहीं यह हर बार साबित कर जाती हूं l
मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l
🙏🙏
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