मंगलेश डबराल की 10 प्रिय कविताएं
हिंदी दिवस: सौ बरस, 10 श्रेष्ठ कविताएं मंगलेश डबराल साहित्यकार शनिवार, 14 सितंबर, 2013 को 07:29 IST तक के समाचार मुक्तिबोध ने अंधेरे में, ब्रह्मराक्षस, चांद का मुंह टेढ़ा है जैसी प्रसिद्ध कविताएं रचीं. हिंदी साहित्य में पिछले सौ वर्षों में जो सैकड़ों कविताएं प्रकाशित हुई हैं उनमें से मैंने अपनी पसंद से ये दस श्रेष्ठ कविताएं चुनी हैं. 1. अंधेरे में – गजानन माधव मुक्तिबोध संबंधित समाचार हिंदी दिवस पर मेरी प्रिय कविता हिंदी दिवस पर मेरी प्रिय कविता:गुलज़ार हिंदी दिवस पर मेरी प्रिय कविता इससे जुड़ी ख़बरें आधुनिक हिंदी कविता में सन् 2013 एक ख़ास अहमियत रखता है क्योंकि इस वर्ष गजानन माधव मुक्तिबोध की लंबी कविता ‘अंधेरे में’ की अर्धशती शुरू हो रही है. सन् 1962-63 में लिखी गई और नवंबर 1964 की ‘कल्पना’ पत्रिका में प्रकाशित यह कविता इन 50 वर्षों में लगातार प्रासंगिक होती गई है और आज एक बड़ा काव्यात्मक दस्तावेज़ बन चुकी है. समय बीतने के साथ वह अतीत की ओर नहीं गई, बल्कि भविष्य की ओर ब