रविवार, 29 सितंबर 2013

राष्ट्रीय सेमिनार व कार्यशाला (20-21 सितंबर, 2013)




23 August 2013 at 20:44
राष्ट्रीय सेमिनार व कार्यशाला (20-21 सितंबर, 2013) 
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा महाराष्ट्र

हिंदी ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया पर आधारित राष्ट्रीय विचारगोष्ठी की तारीख तय कर ली गयी है। यह सेमिनार 20-21 सितंबर, 2013 को आयोजित होगा। इस सेमिनार के प्रस्तावित प्रारूप का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत है:
  • हिंदी ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया पर आधारित राष्ट्रीय विचारगोष्ठी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा आयोजित की जा रही है।
  • सेमिनार स्थल वर्धा विश्वविद्यालय का प्रांगण होगा, जो महाराष्ट्र में नागपुर से सत्तर किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • इस बार जिस विषय पर चर्चा होगी वह है- सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग के बीच हिंदी ब्लॉगिंग की प्रास्थिति। (Status of Hindi Blogging vis-a-vis Rise of Social Media.
  • कार्यक्रम में देश भर के नामचीन ब्लॉगर्स, मीडिया विशेषज्ञों, तकनीकी जानकारों व हिंदी ब्लॉगिंग में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के बीच निम्नलिखित महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दों पर तीन सत्रों में चर्चा करायी जाएगी- 
    1. ब्लॉग, फेसबुक, ट्विट्टर की तिकड़ी एक दूसरे के विकल्प हैं या पूरक। इनमें आपसी प्रतिद्वंद्विता के परिणाम स्वरूप एक-दूसरे को पछाड़ने की प्रवृत्ति है या इनका एक सकारात्मक सह-अस्तित्व बना रहेगा।
    2. हिंदी ब्लॉगों और सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है उसमें क्या साहित्यिक कोटि की सामग्री भी है? ब्लॉग पोस्ट की सामग्री स्थापित साहित्यिक/ गैर साहित्यिक विधाओं को प्रस्तुत करने का एक माध्यम भर है या यह स्वयं में एक नयी विधा है। जिस प्रकार साहित्य के विकास के लिए उसका आलोचना शास्त्र विकसित हो चुका है वैसे ही ब्लॉग पर प्रकाशित विविध सामग्रियों के मूल्यांकन व पहचान के लिए क्या कोई कसौटी तैयार की जा सकती है?
    3. सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों, संस्थानों व राजनैतिक सामाजिक जीवन जीने वाले व्यक्तियों ने इससे जुड़कर अपनी बात प्रसारित करना शुरू कर दिया है। देश के राजनैतिक परिदृश्य में सोशल मीडिया की भूमिका कैसी है और इसके क्या आयाम हैं इसपर भी चर्चा होगी।
    4. पत्रकारिता और जनसंचार संबंधी पाठ्यक्रमों में ब्लॉगिंग के विषय को अध्ययन के लिए जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि इस पाठ्यक्रम को पूरा करके निकलने वाले सभी विद्यार्थी पत्रकार या अन्य प्रकार के प्रसारक बनने का व्यवसाय चुनते हैं। इनमें से कोई भी अपना ब्लॉग और फेसबुक/ ट्विट्टर एकाउन्ट खोले बिना नहीं रह सकता।
  • इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों द्वारा अध्ययन पत्र पढ़े जाएंगे और उनपर खुली बहस होगी।
  • हिंदी ब्लॉगिंग को अंतर्जाल प्रयोक्ताओं के लिए सुलभ और लोकप्रिय बनाने के लिए एक समुन्नत ब्लॉग एग्रीगेटर की महती आवश्यकता है। अब बंद हो चुके ‘ब्लॉगवाणी’ व ‘चिठ्ठाजगत’ जैसे संकलक विकसित करने वाले तकनीकी विषेषज्ञों के सहयोग से एक ऐसा एग्रीगेटर हिंदी विश्वविद्यालय की वेबसाइट के माध्यम से प्रारंभ करने की कोशिश की जा रही है जो इस आवश्यकता को पूरा कर दे। इसके लिए सभी सुधी जनों से ठोस सुझाव आमंत्रित हैं।
  • दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन अनुभवी विशेषज्ञों के माध्यम से एक कार्यशाला आयोजित कर हिन्दी चिठ्ठाकारी के तकनीकी कौशल और ब्लॉग प्रबन्धन के उपयोगी सूत्र इच्छुक विद्यार्थियों और अन्य पंजीकृत अभ्यर्थियों  को सिखाये जाएंगे।
  • कार्यशाला में प्रतिभाग के इच्छुक अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रारूप पर सूचना प्रेषित करते हुए अपना पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण का कार्य सामान्यतः पहले आओ-पहले पाओ नियम के आधार पर किया जाएगा। निर्धारित संख्या पूरी हो जाने पर पंजीकरण का कार्य कभी भी बन्द किया जा सकता है।
  • प्रत्येक पंजीकृत अभ्यर्थी को रु. १००/- मात्र पंजीकरण शुल्क कार्यशाला प्रारम्भ होने से पहले जमा करना होगा। इसे वि.वि. के नाम से रेखांकित बैंक ड्राफ़्ट प्रेषित करते हुए अथवा वि.वि. के काउण्टर पर सीधे नकद जमा किया जा सकता है।
  • पंजीकृत अभ्यर्थियों को उनके पंजीकरण के सम्बन्ध में सूचना उनके द्वारा बताये गये ई-मेल पते पर भेंजी जाएगी। पूर्ण रूप से भरे गये पंजीकरण फॉर्म डाक द्वारा अथवा ई-मेल द्वारा सीधे विश्वविद्याल में श्री जगदीप सिंह डांगी- एसोसिएट प्रोफेसर को प्राप्त कराये जा सकते हैं।
  • एतद्‌ द्वारा प्रस्तावित विषय के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन पत्र आमन्त्रित किए जा रहे हैं। आशा है हमारे सुधी ब्लोगर्स इस विषय पर अपने विचारों को सुव्यवस्थित ढंग से लिपिबद्ध करके पूरी तैयारी से आएंगे और इस सम्मेलन को एक गम्भीर बहस का मंच बनाएंगे। यदि आप अपनी प्रस्तावित विषयवस्तु की जानकारी पहले से उपलब्ध करा दें तो हमें वार्ताकार और विषय के अनुसार कार्यक्रम निर्धारित करने में सुविधा होगी। अंतिम समय में किसी प्रकार की आकस्मिक प्रस्तुति के प्रस्ताव पर विचार किया जाना सम्भव नहीं होगा। प्रथम आगत-प्रथम स्वागत का सिद्धान्त भी हमारा मार्गदर्शन करेगा।
  • सम्मेलन में विश्वविद्यालय द्वारा आमन्त्रित प्रतिभागियों को आने-जाने हेतु अधिकतम ए.सी. तृतीय श्रेणी के किराये और वर्धा में ठहरने व भोजन इत्यादि की व्यवस्था वि.वि. द्वारा की जाएगी।
  • संयोजक से सम्पर्क का पता:
          सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
          मोबा.08765923780
          ई-मेल: sstwardha@gmail.com
                    sstripathi3371@gmail.com
  • आयोजन तिथि दुबारा नोट कीजिए- 20-21 सितंबर, 2013 (शुक्रवार- शनिवार)
आशा है कि यह सम्मेलन एक बार फिर हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया में निरंतर हो रही प्रगति का साक्षी बनेगा और यहाँ होने वाला विचार मंथन हिंदी चिठ्ठाकारी की दिशा बताने वाला एक मील का पत्थर साबित होगा। सेमिनार के संबंध में आपके सुझाव हमारा अमूल्य मार्गदर्शन कर सकते हैं। इस आयोजन पर आपकी  टिप्पणियों, ई-मेल संदेशों व फोन के माध्यम से  आपके सुझावों व रचनात्मक विचारों का स्वागत है।
-संयोजक
  • Vinod Vishwakarma Shubhkamnayen.
  • Jaikumar Jha वाह क्या बात है ....See Translation
  • Jaikumar Jha इस कार्य शाला में भयंकर सामाजिक असमानता तथा धन कुबेरों का धन सूअर बन जाने की हवस को वेब मिडिया व ब्लॉग कैसे कम करने में अहम् भूमिका निभा सकता है इस विषय पर भी चर्चा हो तो ठीक रहेगा ...See Translation
  • DrKavita Vachaknavee ढेरों शुभकामनाएँ। फिर एक बड़ी लकीर ! .... और रह जाएँगे पीछे लकीर पीटने वालेSee Translation
  • Praveen Trivedi उम्मीद है कि ....... एक बड़ी बहस होगी .....पढने और सुनने को मिलेगी!See Translation
  • Hemant Kumar सिद्धार्थ जी ये तो आपने एक अच्छी खबर सुनायी----आब ये जरूर है कि इसमें हिन्दी ब्लागिंग और सोशल मीडिया से जुड़े कौन कौन से महारथी पहुंचेंगे या किन्हें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय निमन्त्रित करने योग्य समझेगा----कार्यक्रम की सफ़लता के लिये अग्रिम शुभकामनाएं स्वीकारिये।See Translation
  • सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी Hemant Kumar इस सेमिनार ने सबको खुला अवसर दिया है इसमें भाग लेने के लिए। बस पहला कदम हमने बढ़ाया है। दूसरा कदम आपको बढ़ाना है। जी हाँ, आपको भी अवसर मिल सकता है। अपनी रुचि तो व्यक्त कीजिए। दिये गये विषयों में से किसी एक पर अपने विचार आलेख-बद्ध करके भेज दी...See More
  • प्रमेन्द्र प्रताप सिंह हिंदी के उत्थान में कुछ नए प्रयास आयेगे तो अच्छा होगा..
  • Suresh Chiplunkar समस्त शुभकामनाएँ... आयोजन सफल होगा विश्वास है. पिछले सेमीनार की मधुर यादों के साथ हम भी लाईव रिपोर्टिंग अपने पीसी पर देखेंगे ही...

सोमवार, 23 सितंबर 2013

रामधारी सिंह दिनकर की याद में




जब से पढ़ना सीखा है तब से इनकी कविता प्रिय रही, समझने लगा तो सबसे प्रिय हो गई। पढ़ते ही याद हो जाना इनकी कविताओं का सहज गुण है।
आज राष्ट्रकवि की जयंती है तो इनकी एक कविता आप सबको भी पढ़वानी बनती है।

जिनकी बाँहें बलमयी ललाट अरुण है
भामिनी वही तरुणी नर वही तरुण है
है वही प्रेम जिसकी तरंग उच्छल है
वारुणी धार में मिश्रित जहाँ गरल है

उद्दाम प्रीति बलिदान बीज बोती है
तलवार प्रेम से और तेज होती है!

छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाये
मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाये
दो बार नहीं यमराज कण्ठ धरता है
मरता है जो एक ही बार मरता है

तुम स्वयं मृत्यु के मुख पर चरण धरो रे
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे!

स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है
बाहरी वस्तु यह नहीं भीतरी गुण है

वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे
जो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे!
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गुरुवार, 5 सितंबर 2013

गजल / सारिका चौधरी


देखो हम कुछ नहीं बोलेंगे .....देखो हम कुछ नहीं बोलेंगे
आँखों आँखों में तोलेंगे ....पर मुंह से कुछ नहीं बोलेंगे

चाहे चीनी सैनिक आ जाएँ ....और हमको आँख दिखा जाएँ
ये देश है देखो हिजड़ों का ...ये सोच के सड़क बना जाये

वो सूअर का बच्चा पाकिस्तान ...जब तब देखो घुस आता है
धोखे से मेरे वीरों के ...सिर अलग -थलग कर जाता है

रोते हैं कितने देश भक्त ....आसूँ हो गये हैं जैसे रक्त
क्या करें की कैसे ले बदला ...यहाँ युवा हैं अपने में ही मस्त

सोयी पड़ी दस जनपथ है .... ये धरती खून से लथपथ है
पर मौनी कुछ नहीं बोलेगा ...आँखों - आँखों में तोलेगा

ना नेता अब कुछ बोलेंगे ...वो अपने वोट को तोलेंगे
क्यूँ मरे गिरों की बात करें ....तब तक वो चैन से सो लेंगे

मेरे देश भक्त मेरे वीरों से ....नेता के बच्चे अच्छे हैं
सिर कट गये तो कट जाने दो ..... क्या वो दस जनपथ के बच्चे हैं

अब समझ गयी है दुनिया भी ....भारत में हिजड़े बसते हैं
चाहे कितने जूत बजा जाओ ...ये बेशर्मों से हँसते हैं

अब तो आवाज़ उठानी है ....बड़ी दूर तलक पहुंचानी है
नेता की तरफ नहीं देखो ....इस जाति में ही बेईमानी है

चीनी संसद में घुस जाएगा ....फिर इतना वो भुस भर जाएगा
वो पाक सूअर भी आयेगा ...और मुंह पर मूत के जाएगा

और संसद सर झुकाएगा .... उनके सम्मान में गायेगा
सज रही गली मेरी अम्मा ...सुनहरे गोटे में
सज रही गली मेरी अम्मा ..... सुनहरे गोटे में .................

सारिका चौधरी

खो गयी कहीं चिट्ठियां

 प्रस्तुति  *खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे, “कुशलता” की कामना से शुरू होते थे।  बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते...