सामाजिक मूल्य और ‘नीरज’ के फिल्मी गीत डॉ. राजकुमारी शर्मा प्रस्तुति-हुमरा असद ‘मूल्य’ समाज व व्यक्ति के जीवन में अह्म भूमिका निभाते हैं। ‘मूल्य’ शब्द अंग्रेजी शब्द ‘वैल्यू" के पर्याय के रूप में ग्रहण किया जाता है। प्रतिदिन के व्यवहार में ‘मूल्य’ शब्द का प्रयोग विभिन्न अर्थों में किया गया है जैसे ‘मूल्य’ शब्द ‘कीमत’ के अर्थ में या विशिष्ट अर्थ में यथा नैतिक मूल्य, आर्थिक मूल्य, सौंदर्यशास्त्रीय मूल्य, धर्मिक मूल्य या सामाजिक मूल्य के अर्थ में बोध कराता है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है अतः सामूहिक चेतना, पारस्परिक व्यवहार, विचार-विनिमय एवं अन्य कार्यों में मूल्य बोध की जानकारी होना अत्यावश्यक है। समाज में अनेक नियमों की अवधरणा है जो समाज के अधिकतर व्यक्तियों को स्वीकार करना पड़ता है। वही नियम आगे चलकर मूल्य में परिवर्तित हो जाते हैं। फिल्मी गीत समाज एवं व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। साहित्य में जो कुछ घटित होता है, उसका प्रभाव व्यक्ति और समाज पर पड़ता है। हिंदी फिल्मों का संगीत देश