पत्रकारिता के विविध आयाम
रेडियो पत्रकारिता संचार के आधुनिक माध्यमों में रेडियो ने अपने वर्चस्व और महत्व को बरकरार रखा है। रेडियो अपनी विकास यात्रा के स्वर्णिम चरणों को पूरा करता हुआ आज एक नए मुकाम को हासिल कर चुका है। रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों का श्रोताओं पर सबसे ज्यादा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भारत जैसे विकासशील देश में आज भी 80 प्रतिशत जनसंख्या गांव में निवास कर रही है। जहां रेडियो ही ज्ञान, सूचना और मनोरंजन का सबसे सुलभ, सस्ता और आसान साधन है। पं. इन्द्र विद्यावाचस्पति के अनुसार ‘‘पत्रकारिता पांचवा वेद है जिसके द्वारा हम ज्ञान-विज्ञान संबंधी बातों को जानकर अपने बंद मस्तिष्क को खोलते हैं।’’ डॉ. शंकर दयाल शर्मा - ‘‘पत्रकारिता पेशा नहीं जनता की सेवा का माध्यम है।’’ पत्रकारिता का स्वरूप एवं उसके प्रकार पत्रकारिता एक बहुआयामी विषय है। अतः इसके विविध स्वरूपों तथा प्रकारों के अनुभव भावोत्पादक फोटो पत्रकारिता ही प्रभावी हो सकती है। इसका संक्षिप्त ज्ञान प्रदान करने हेतु पत्रकारिता के स्वरूप तथा इसके विविध प्रकारों की सूक्ष्म व्याख्या