ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़लें

ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़लें Tuesday, September 15, 2009 ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़लें और परिचय 30 जनवरी 1949 को हरियाणा मे जन्में ज्ञान प्रकाश विवेक चर्चित ग़ज़लकार हैं । इनके प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह हैं " प्यास की ख़ुश्बू "," धूप के हस्ताक्षर " और " दीवार से झाँकती रोशनी ", " गुफ़्तगू आवाम से " और " आँखों मे आसमान "। ये ग़ज़लें जो आपके लिए हाज़िर कर रहे हैं ये उन्होंने द्विज जी को भेजीं थीं । एक उदासी, दर्द, हैरानी इधर भी है उधर भी है अभी तक बाढ़ का पानी इधर भी है उधर भी है वहाँ हैं त्याग की बातें, इधर हैं मोक्ष के चर्चे ये दुनिया धन की दीवानी इधर भी है उधर भी है क़बीले भी कहाँ ख़ामोश रहते थे जो अब होंगे लड़ाई एक बेमानी इधर भी है उधर भी है समय है अलविदा का और दोनों हो गए गुमसुम ज़रा-सा आँख में पानी इधर भी है उधर भी है हुईं आबाद गलियाँ, हट गया कर्फ़्यू, मिली राहत मगर कुछ-कुछ पशेमानी इधर भी है उधर भी है हमारे और उनके बीच यूँ तो सब अलग-सा है मगर इक रात की रानी इधर भी है उधर भी है (बहरे-हज़ज मसम्मन सालिम) मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ