रविवार, 12 जुलाई 2015

दूसरी बीबी से ही होते है बच्चे






अजब-गजब: ऐसा गांव जहां दूसरी पत्नी से ही बढ़ता है वंश!

प्रस्तुति-  प्रियदर्शी किशोर, राहुल मानव


बाड़मेर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के एक गांव में हर परिवार में दूसरी पत्नी से ही संतान होने का अजीब संयोग जुड़ा है। जिला मुख्यालय से अट्ठाइस किलोमीटर दूर गड़रा सड़क मार्ग स्थित देरासर ग्राम पंचायत के अल्पसंख्यक बाहुल रामदियों की बस्ती में 70 मुस्लिम परिवार है।

गांव के हर परिवार में हर युवक ने दो-दो निकाह किए हैं। मुस्लिम परिवारों में दो निकाह आश्चर्य का कारण नहीं है लेकिन इस गांव के लोगों द्वारा दूसरा निकाह करने के पीछे जो कारण है वह आश्चर्यजनक है। गांव के किसी भी परिवार में पहली शादी के बाद किसी के भी संतान नहीं है लेकिन दूसरी शादी के बाद सभी के घर में संतानें हुई हैं।

एक दो परिवारों में ऐसा हो तो उसे संयोग ही कह सकते है लेकिन हर व्यक्ति के दूसरी शादी के बाद ही संतान होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। गांव के बुजुर्ग 65 साल के आरब खान बताते हैं कि गांव के साथ यह संयोग कई वाकयों से जुड़ा है। गांव के लाला मीठा के कई सालों तक संतान नही हुई।

परिजनों ने कई बार उस पर दूसरा निकाह करने के लिए दबाव डाला लेकिन मीठा ने साफ इंकार कर दिया। लगभग 55 साल की उम्र में उसकी पत्नी का निधन हो गया उसके बाद परिजनों के दबाव के कारण मीठा ने दूसरी शादी के लिये अपनी रजामंदी दी। निकाह के एक साल बाद ही उसके घर लड़की पैदा हुई फिर तीन लडके भी हुए।

इसके बाद से तो हर परिवार में पहली शादी के बाद पहली बीवी से किसी को संतान नहीं हुई। दूसरी शादी करने के बाद दूसरी पत्नी से हर परिवार में संतान हुई। यह परिपाटी आज भी बदस्तूर जारी है। इसका कारण पूछने पर आरब ने इसे खुदा की मेहर बताया।

गांव में कई लोगों ने आधी उम्र बीत जाने के बाद संतान की चाह में शादियां की तो उन्हें निराशा हाथ नहीं लगी जिसने भी दूसरी शादी की उसके संताने जरूर हुई। बीते महीने भी तीन व्यक्तियों ने दूसरी शादियां की। गांव में लगभग सभी लोग अशिक्षित है।

ग्रामीण जादम खान के अनुसार उसका पहला निकाह सत्रह साल की उम्र में हो गया था। चार साल तक घर में बच्चा नहीं होने के कारण उसका दूसरा निकाह सफियत से हुआ। सफियत से उसको तीन लड़के और चार लड़कियां हुई।

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