मंगलवार, 19 नवंबर 2024

जरा गांव में कुछ दिन ( या घर लौटकर ) तो देखो 😄😄

 गांव का मनोरंजन 


डेढ़ महीना गांव में ठहर जाओ,तो गाँववाले बतियाएंगे "लगता है इसका नौकरी चला गया है

सुबह दौड़ने निकल जाओ तो फुसफुसाएंगे  “लग रहा इसको शुगर हो गया है ...."

कम उम्र में ठीक ठाक कमाना शुरू कर दिये तो आधा गाँव मान लेगा कि बाहर में दू नंबरी काम करता है।

जल्दी शादी कर लिये तो “बाहर चक्कर चल रहा होगा इसलिये बाप जल्दी कर दिये "।

शादी में देर हुईं तो_" ओकरे घरवा में  बरम बा!....लइका मांगलिक है कवनो गरहदोष है, औकात से ढेर मांग रहे है  "।

बिना दहेज़ का कर लिये तो “ लड़की प्रेगनेंट थी पहले से, इज़्ज़त बचाने के चक्कर में अरेंज में कन्वर्ट कर दिये लोग"।

खेत के तरफ झाँकने नही जाते तो “अबहिन बाप का पैसा है तनी"।

खेत गये तो “ देखे ना,अब चर्बी उतरने लगा है "।

 मोटे होकर  गांव आये तो कोई खलिहर ओपिनियन रखेगा “ बीयर पीता होगा "।

दुबले होकर आये तो “ लगता है गांजा चिलम पीता है टीबी हो गया "।

बाल बढ़ा के जाओ तो, लगता है,  ई कोनो ड्रामा कंपनी में नचनिया का काम करता है....।

#कुल_मिलाकर_गाँव_में_बहुत_मनोरंजन_है.....बहुत अच्छे विचार के लोग है कितना सुनाऊ 

अगर जो बुरबक है तो नाम गाऊ के लोग इस प्रकार रखते है 

बुरबक है तो नाम ओकील साहेब 

जो कमजोर है तो पहलवान जी 

डरपोक है तो दरोगा जी 

मुर्ख है तो प्रोफेसर साहेब 

गरीब है तो जमींदार साहेब 

ना जाने और कितने 

नाम होता है 

यही तो गाऊ है 

वाकई अनोखा है 

जय हो भारत माता हमें कुछ नहीं आता 

पीटर ठाकुर 

एक अनुभव 🙏🙏🙏🙏


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