सोमवार, 5 सितंबर 2016

पत्नी बिछोह का दर्द है इन कविताओं में





मोदी की कविताएं अंग्रेजी में

मोदी की कविता में निकला पत्नी बिछोह का दर्द
उदयपुर :
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी एक कवि भी हैं। उनकी कविताओं के संकलन में सामने आई एक कविता में उनका पत्नी से बिछोह का दर्द भी सामने आया है। दअरसल नरेन्द्र मोदी भी अटल बिहारी वाजपेयी की तरह कविता से प्रेम रखते है। मोदी की 65 से अधिक कविताओं का एक संग्रह कर रवि मंथा नाम के एक व्यक्ति ने एक किताब पब्लिश की है। मोदी की ये सभी कविताए गुजराती में लिखी हुई थी लेकिन रवि मंथा ने सभी कविताओं का इंगलिश में अनुवाद कर ‘ए जर्नी’ (एक सफर) नाम का संग्रह सामने आया है।
‘ए जर्नी’ नाम की इस किताब में एक कविता ऐसी भी जिसमें नरेन्द्र मोदी की पत्नी से बिछोह के दर्द को भी बयान करती है। संग्रह में प्रेम के नाम कविता के माध्यम से मोदी ने शायद यह बताने की भी कोशिश की हैं कि पत्नी से बिछोह ने उनके जीवन को किस तरह से झकझोर कर रख दिया है। इस किताब के कवर पेज को डिजाइन करने वाली रचिता राक्यान आज अपने निजी कार्यक्रम के तहत उदयपुर में रही। रचिता ने साफ किया कि उन्होंने इस किताब के कवर पेज को उनकी कविताओं के भावों के साथ जोड़कर डिजाइन किया है। रचिता ने बताया कि मोदी की कविताएं एक विषय पर आधारित ना होकर सभी पहलुओं पर कविताए हैं।
मोदी की कविता के अंश —
जिन क्षणों में मुझे तुम्हारे होने का एहसास हुआ,
मेरे दिमाग के शांत हिमायली जंगल में एक वन अग्नि धधक रही है,
गंभीरता से उठती हुई।
जब मैं अपनी आंखे तुम पर रखता हूं, मेरे मस्तिष्क की आंख में एक पूर्ण चन्द्रमा उदय होता है,
और मैं संपूर्ण पुष्पित चंदन के वृक्ष से झरती महक से भर जाता हुं
और तब जब आखिरी बार हम मिले थे
मेरे होने का पोर पोर एक अतुलनीय महक से भर गया था।
मेरे जीवन के आनंद के सभी शिखरों को पिघला दिया था,
और सारी महक दहकती ज्वाला में बदल गई थी
मेरे सपनों को राख में बदल देती है
पूर्ण चंद्रमा नदी के किसी सुदूर तट पर बैठता हैं
और दुर्दमनीय कंपकपाती शीत तेरी दुर्दशा को निहारती है।
तुम्हारी कोमल उपस्थिति के बिना
मेरे जीवन के जहाज पर
न कोई कप्तान हैं और न कोई पतवार

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