शुक्रवार, 12 जनवरी 2024

मैं यूँ तो सबके साथ सदा / किशोर कौशल

 मैं यूँ तो सबके साथ सदा 

पर मेरा अपना अलग ढंग



जो बात किसी को चुभ जाए 

मैं ऐसी बात नहीं कहता

हो जहाँ कहीं कुछ ग़लत बात 

मैं क्षण भर वहाँ नहीं रहता


जो बनी-बनाई लीक मिली 

मैं अकसर उस पर चला नहीं 

मुझको वह बात नहीं भाई 

हो जिसमें सबका भला नहीं



जग जिस प्रवाह में बहता है 

मैं उस प्रवाह में बहा नहीं 

जो भीड़ कहा करती अकसर 

मैंने वह हरगिज कहा नहीं



अपना कुछ काम बनाने को 

मैंने समझौता नहीं किया 

खु़श हो कोई या रुष्ट रहे 

झूठा यशगायन नहीं किया



मैं सबको रास नहीं आता 

पर इसकी कुछ परवाह नहीं 

सब मुझे सुनें,बस मुझे सुनें

ऐसी कुछ मन में चाह नहीं 


अपनी धुन,अपनी मस्ती है 

अपनी भी कोई हस्ती है। 

*   *   *   *   *   *   *   *

--- किशोर कुमार कौशल

 मोबाइल:9899831002

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

साहित्य के माध्यम से कौशल विकास ( दक्षिण भारत के साहित्य के आलोक में )

 14 दिसंबर, 2024 केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद  साहित्य के माध्यम से मूलभूत कौशल विकास (दक...