रविवार, 18 अक्टूबर 2020

झारखण्ड के पलामू वाला काजर

 #ठेठ_पलामू:- #जड़ी-बूटी और #काजर

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पिछला साल इहे दशहरा टाईम का बात है, भोरे-भोरे उठे तो आदत के अनुसार आँख मइसत उठ के ऐनक देखने गए कि खूबसूरती तनी-मानी बचल है अगुआ लोग के लिए कि सब साफ हो गया। तो अपन चेहरा देख के डेरा गए। पूरा आँख के नीचे करिया हो गया था। जब हाथ से छुए तो पता चला कि काजर लगा हुआ था। फिर याद आया कि #जा_सार_के दशहरा न स्टार्ट हो गया, तो वही माई लगा दी थी। रात में सुतला घरी कि रात के कोई डायन बिसाहिन के नज़र न लगे। अब बड़े हो गए थे, तो सोचे अब न तो बच्चा हैं न ही #सुनर हैं, तो नजर थोड़े लगेगा, पर बात का है न कि माई के लिए बेटा भले 2 लईका के बाप बन जाए, लेकिन उ बच्चा ही रहता है और दुनिया में सबसे सुंदर दिखता है। सो ज़ाहिर सी बात है, नजर से बचाना था तो काजर तो लगाना था।


लईका में दशहरा के ठीक एक दिन पहिले बड़की फुआ के ड्यूटी रहता था। एगो थरिया में बालू आऊ करिया कपड़ा सुई डोरा लेके बैठ जाती थी और सब के लिए छोटा-छोटा चरखूँट आकार में कपड़ा के थैली बना-बना के ओकरा में बालू भर के सी देती थी। अब जे बड़हन लईका रहे उ बाँह पर बाँधे, न तो छोटकन लईकन के नया #डांडा में सी के मिलता था। मने सब के सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ प्रोटेक्शन तैयार रहता था। रोज रात में सोने के बाद #लीलार में, आँख में, हाथ-पैर के #तरुआ में काजर कर दिया जाता था। जो हमलोग जैसा बड़ा हो जाते भोरे उठते-उठते जा के मुँह धोते कि कोई चिढाये नहीं देख के। 


रात में जब दशहरा के मेला ई सब देखने निकलते, तो सब के अंदर ई विश्वास रहता था, कि जड़ी-बूटी तो पहिने हैं, हमको थोड़े कुछ होगा। बस जे हाल अभी कोरोना के समय में मॉस्क पहिन के फील होता है, उहे उस टाईम जड़ी-बूटी से होता था। गलती से कौनो के जड़ी-बूटी टूट के गिर जाए , भूला जाये तो समझिए उहो आफ़त। "कइसे भूला गेलई, अब के के देखा था, फलना के माई तो ना न देखले हलौ।" इस तरह के ढेरे सवाल, फिर दूसरा दिन नया बना के पहनाया जाता था। 


अब डायन बिसाहिन भी दुनिया के कोना-कोना में अंधविश्वास और विज्ञान के बीच में कोरोना जैसा ही पहेली बना हुआ है। नया-नया रिसर्च चलते रहा है मानने न मानने वाला का वाद विवाद भी होते रहा है। इसलिए सही में होता है कि नहीं इसपे कोई बात नहीं करेंगे। पर करिया रंग सब  प्रकाश को सोख लेता है और काजल से आँख को बहुत फायदा है दुनो बात विज्ञान से सत्यापित है। इसलिए अगर लड़का लोग के काजर लगा हो, तो फ़ोटो जरूर भेजिएगा। महिलाएँ लड़कियां भी काजल के साथ बढ़िया फ़ोटो भेजिए। बाकि जड़ी-बूटी अब कोई पहिनता है, बनाता है कि नहीं ये तो नहीं पता। अगर किसी के घर बना होगा, तो उसका भी फ़ोटो भेज सकते हैं।

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