बुधवार, 10 जुलाई 2024

हुज़ूर प्रो. सत्संगी साहेब


 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance साढ़े चार बजे होती है, और सत्संग की proceedings अभी पौने छ: बजे तक चल रही है, इसका मतलब लोग पहले छोड़ जाते हैं, आखिर तक नहीं बने रहते। इस सम्बन्ध में जो फरमाया, वे मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं:


 *"1. Video Attendance, audio attendance की 1/4th है, यह बढ़नी चाहिए।


2. Video attendance के लिए 5 initiated Satsangis होने चाहिए। Audio attendance के लिए तो कोई specification नहीं है, तो लोग आखिर तक क्यों नहीं बने रहते? यह बात उन्हें बताई जाए।


3. लोग जहां भी हों, सेवा करें। अगर outdoor सेवा नहीं है, तो indoor करें। अगर सेवा नहीं है तो राधास्वामी (*R͟a͟ D͟h͟a͟ S͟v͟a͟ A͟a͟ M͟i͟* / *रा̲ ̲धा̲/̲धः̲ ̲स्व̲ ̲आ̲ मी̲*

) chant होती है, ध्यान भजन करें।


4. यह तो हुज़ूर राधास्वामी दयाल की देन है कि राधास्वामी (*R͟a͟ D͟h͟a͟ S͟v͟a͟ A͟a͟ M͟i͟* / *रा̲ ̲धा̲/̲धः̲ ̲स्व̲ ̲आ̲ मी̲*)

 chant होती है। इसके सुनने से ही बेड़ा पार हो जाएगा। इससे सहज और क्या हो सकता है। इसलिए अगर सेवा नहीं है तो सुमिरन ध्यान भजन करें और आखिर तक बने रहें।


5. जब आप ऊपर उठ जाते हैं तो काल का ज़ोर नहीं रहता। नहीं तो मौत के वक्त काल बहुत परेशान करता है। हुज़ूर साहबजी महाराज ने जब चोला छोड़ा था तो बताते हैं कि वो (काल) मारने पीटने आ गये थे लेकिन राधास्वामी (*R͟a͟ D͟h͟a͟ S͟v͟a͟ A͟a͟ M͟i͟* / *रा̲ ̲धा̲/̲धः̲ ̲स्व̲ ̲आ̲ मी̲*) नाम का जाप हो रहा था, तो भाग गये। यह reality है, fable नहीं है।


6. तो आप सबको बताएं कि लोग आखिर तक बने रहें, पहले छोड़कर न जाएं, इसमे उन्हीं का फायदा है।"* 


सभी सतसंगी भाईयों और बहनों से निवेदन है कि उपरोक्त गुरू आज्ञा का आज शाम से ही अक्षरक्ष: पालन करें।


🙏🏽🙏❤️🙏🙏🏽

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