nt...
दुखद ,.
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रचनाकार और आलोचक विजय मोहन सिंह नही रहे ,इस बार के दिल्ली पुस्तक मेले से उनकी एक किताब लाया था थोड़ा -सा ही पढ़ पाया ,किताब ख़त्म होने के पहले उनकी सांसे ख़त्म हो गयी ,वही पुस्तक ,,,,......!!!!!!!!...
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रचनाकार और आलोचक विजय मोहन सिंह नही रहे ,इस बार के दिल्ली पुस्तक मेले से उनकी एक किताब लाया था थोड़ा -सा ही पढ़ पाया ,किताब ख़त्म होने के पहले उनकी सांसे ख़त्म हो गयी ,वही पुस्तक ,,,,......!!!!!!!!...
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