शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

गणेश चतुर्थी / डॉ वेद मित्र शुक्ल,


गणेश चतुर्थी (विशेष:)

ग़ज़ल 


       - डॉ वेद मित्र शुक्ल, 

          नई दिल्ली

 

सबसे पहले जिनकी पूजा हम करते, प्यारे गणेश,

जन-गण-मन में गणपति बप्पा हो बसते प्यारे गणेश|


सारे जग में जीवन भर हम कहाँ-कहाँ घूमें, लेकिन -

माँ-बाबू जी मेरी दुनिया हैं कहते प्यारे गणेश|


अच्छे कारज में देरी क्यों, शुरू करें हिलमिल आओ,

बाधाएं यदि आ जायेंगी, हैं हरते प्यारे गणेश|


अन्यायी से लड़ने को जो करे एकजुट जन-जन को,

गणपति उत्सव ऐसा ही जहँ हैं सजते प्यारे गणेश|


लिखना होता सोच-समझकर काल चक्र की जब गति से,

देखो, कथा महाभारत की हैं लिखते प्यारे गणेश|

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