गुरुवार, 25 सितंबर 2014

राही मासूम रज़ा



 

प्रस्तुति--इम्तियाज रजा,जमिल अहमद, निम्मी नर्गिस


मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

(राही मासूम रजा से अनुप्रेषित)
डॉ॰राही मासूम रज़ा
चित्र:Rahi masoom raza (1).jpg
राही मासूम रज़ा
जन्म: १ सितंबर, १९२५
गाजीपुर जिले के गंगौली गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु: १५ मार्च १९९२ (६७ वर्ष)
कार्यक्षेत्र: साहित्य, गीत
राष्ट्रीयता: भारतीय
भाषा: हिन्दी, उर्दु
काल: आधुनिक
विधा: फिल्मी गीत, उपन्यास,
जीवनी, कहानी, पटकथा
उपन्यास:आधा गांव, दिल एक सादा कागज, ओस की बूंद, हिम्मत जौनपुरी
आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आर्ज़ू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद, सीन ७५
जीवनी: छोटे आदमी की बड़ी कहानी
राही मासूम रज़ा (१ सितंबर, १९२५-१५ मार्च १९९२)[1] का जन्म गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एक मुहल्ले में हुई थी। बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछ सालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडियट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं से एमए करने के बाद उर्दू में `तिलिस्म-ए-होशरुबा' पर पीएच.डी. की। पीएच.डी. करने के बाद राही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के उर्दू विभाग में प्राध्यापक हो गये और अलीगढ़ के ही एक मुहल्ले बदरबाग में रहने लगे।[2] अलीगढ़ में रहते हुए ही राही ने अपने भीतर साम्यवादी दृष्टिकोण का विकास कर लिया था और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वे सदस्य भी हो गए थे। अपने व्यक्तित्व के इस निर्माण-काल में वे बड़े ही उत्साह से साम्यवादी सिद्धान्तों के द्वारा समाज के पिछड़ेपन को दूर करना चाहते थे और इसके लिए वे सक्रिय प्रयत्न भी करते रहे थे।
१९६८ से राही बम्बई में रहने लगे थे। वे अपनी साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी लिखते थे जो उनकी जीविका का प्रश्न बन गया था। राही स्पष्टतावादी व्यक्ति थे और अपने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दृष्टिकोण के कारण अत्यन्त लोकप्रिय हो गए थे। यहीं रहते हुए राही ने आधा गांव, दिल एक सादा कागज, ओस की बूंद, हिम्मत जौनपुरी उपन्यास व १९६५ के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद की जीवनी छोटे आदमी की बड़ी कहानी लिखी। उनकी ये सभी कृतियाँ हिंदी में थीं। इससे पहले वह उर्दू में एक महाकाव्य १८५७ जो बाद में हिन्दी में क्रांति कथा नाम से प्रकाशित हुआ तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आर्ज़ू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद और सीन ७५ उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं।[3] पिछले कुछ वर्षों प्रसिद्धि में रहीं हिन्दी पॉप गायिका पार्वती खान का विवाह इनके पुत्र नदीम खान, हिन्दी फिल्म निर्देशक एवं सिनेमैटोग्राफर से हुआ था।

संदर्भ

  1. "Dr. Rahi Masoom Reza =४ जनवरी" (अंग्रेज़ी में). आई.एम.डी.बी.. अभिगमन तिथि: 2007.
  2. "अब मेरे पैरों के निशां कैसे हैं (राही मासूम रज़ा की याद) =४ जनवरी" (एचटीएमएल). हाशिया. अभिगमन तिथि: 2007.
  3. "डॉ॰ राही मासूम रजा - जीवनवृत्त एवं कृतित्व=७ अक्तूबर" (एचटीएमएल). साहित्य शिल्पी. अभिगमन तिथि: २००८.

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