बुधवार, 19 नवंबर 2014

मगही


मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध भोजपुरी और मैथिली भाषा से संबंध है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। मगही बोलनेवालों की संख्या (2002) लगभग १ करोड़ ३० लाख है। मुख्य रूप से यह बिहार के गया, पटना, राजगीर और नालंदा के इलाकों में बोली जाती है।
मगही का धार्मिक भाषा के रूप में भी पहचान है। कई जैन धर्मग्रंथ मगही भाषा में लिखे गए हैं। मुख्य रूप से वाचिक परंपरा के रूप में यह आज भी जीवित है। मगही का पहला महाकाव्य गौतम महाकवि योगेश द्वारा 1960-62 के बीच लिखा गया। दर्जनो पुरस्कारो से सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्ह योगेश आधुनिक मगही के सबसे लोकप्रिय कवि माने जाते है। 23 अक्तुबर को उनकी जयन्ति मगही दिवस के रूप मे मनाई जा रही है।
मगही भाषा में विशेष योगदान हेतु सन् 2002 में डॉ॰रामप्रसाद सिंह को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान दिया गया।
मगही संस्कृत भाषा से जन्मी हिन्द आर्य भाषा है।

इन्हे भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

चर्चा समूह
मगही साहित्य
मगही मंडल
मागधी
फूल बहादुर - मगही का पहला उपलब्ध उपन्यास
मगही उपन्यास - नरक सरग धरती
मगध की लोककथाएँ : संचयन
मगही का भाषिक स्वरुप और उसका साहित्यिक विकास
मगही पुस्तकें
नमूना
संदर्भ सूची
फ़िल्म "भैया"
संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार घोषणा - मगही रूपांतर
मगही में बाइबिल (1818) का नमूना पृष्ठ
दक्षिण एशियाई भाषाओं की प्राथमिकता का निश्चय - प्रारूप रिपोर्ट (जून 2005)
हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य
बिहारी भाषाएँ
Magahi at The Rosetta Project

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किशोर कुमार कौशल की 10 कविताएं

1. जाने किस धुन में जीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।  कैसे-कैसे विष पीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।।  वेतन के दिन भर जाते हैं इनके बटुए जेब मगर। ...