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हिंदी समय में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएँ
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देव औरंगाबाद बिहार 824202 साहित्य कला संस्कृति के रूप में विलक्ष्ण इलाका है. देव स्टेट के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर अपने जमाने में मूक सिनेमा तक बनाए। ढेरों नाटकों का लेखन अभिनय औऱ मंचन तक किया. इनको बिहार में हिंदी सिनेमा के जनक की तरह देखा गया. कामता प्रसाद सिंह काम और इनकi पुत्र दिवंगत शंकर दयाल सिंह के रचनात्मक प्रतिभा की गूंज दुनिया भर में है। प्रदीप कुमार रौशन और बिनोद कुमार गौहर की भी इलाके में काफी धूम रही है.। देव धरती के इन कलम के राजकुमारों की याद में .समर्पित हैं ब्लॉग.
गुरुवार, 28 जनवरी 2016
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
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बड़े बड़ाई न करें, बड़े न बोलें बोल।* "रहिमन" हीरा कब कहें, लाख टका मेरा मोल।* अर्थ:* जो सचमुच बड़े होते है वह अपनी बड़ाई नही कि...
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