जब तलक संसार है यह
गीत वन्देमातरम
नित्य बढ़ती ही रहे यह
प्रीत वन्देमातरम।
गीत वन्देमातरम
नित्य बढ़ती ही रहे यह
प्रीत वन्देमातरम।
देश मेरा धर्म है, इससे बड़ा कोई नहीं।
इसके बिन होगा कभी भी सच खड़ा कोई नहीं।
हम चलाएंगे सदा इक
रीत वन्देमातरम।
देश की मिट्टी से जिसको प्यार वो इंसान है
देश को धोखा अगर देगा कोई शैतान है।
देश मेरा है हमेशा
मीत वन्देमातरम।।
हम अभी तक चल रहे हैं और आगे जाएंगे
विश्व में इस देश का परचम हमीं लहराएंगे।
हर घड़ी अपने रहेगी
जीत वन्देमातरम।
देश से जो प्यार करते, उनका ही यह देश है,
प्रेम से मिल कर रहें हम बस यही सन्देश है
देश मेरा है मधुर
संगीत वन्देमातरम
इसके बिन होगा कभी भी सच खड़ा कोई नहीं।
हम चलाएंगे सदा इक
रीत वन्देमातरम।
देश की मिट्टी से जिसको प्यार वो इंसान है
देश को धोखा अगर देगा कोई शैतान है।
देश मेरा है हमेशा
मीत वन्देमातरम।।
हम अभी तक चल रहे हैं और आगे जाएंगे
विश्व में इस देश का परचम हमीं लहराएंगे।
हर घड़ी अपने रहेगी
जीत वन्देमातरम।
देश से जो प्यार करते, उनका ही यह देश है,
प्रेम से मिल कर रहें हम बस यही सन्देश है
देश मेरा है मधुर
संगीत वन्देमातरम
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