भील समुदाय: कभी भगवान को इन्होने तो कभी भगवान ने इनको मारा!
भील
आज भी दुनिया के लिए काफी अजीब सी है, चाहे उनका पहनावा हो या रेहन सेहन
सब जुड़ा है, लेकिन फिर भी उनकी जाती से भगवान का तकड़ा कनेक्शन है. जाने
पूरी कथाये....
समुद्र मंथन में बाली ने लिया था देवो की ओर से भाग, उसी में से निकली थी पत्नी तारा!
"हरी
अनंत हरी कथा अनंता" का दोहा तो अपने सुना ही होगा जो की बेहद सहज है,
भगवान की लीलाओ की कथा ऐसी है की कितना भी जानो कम ही पड़ेगी. ऐसे ही कुछ
अनजाने तथ्य जो..
दलित परिवार में जन्मा लड़का, जन्मजात ही शरीर पर थी जनेऊ!
एक
क्षुद्र जिसे हम आजकल dalit कहते है परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ,
पैदा होने के बाद वो रोया नही उसके चेहरे पे एक तेज था जैसे वो को जन्मजात
संत हो. story....
गलत तात्पर्य न ले इस "ढोल गंवार क्षुद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी" दोहे को!
अगर
इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी, अगर दुसरो के साथ अच्छा बर्ताव करोगे तो वो
भी तुम्हारे साथ वैसा ही व्यव्हार करेंगे. हमें समाज परिवार और गुरु जनो से
ये सीख मिली
Facts : गाय चोरी करने के चलते भीष्म को भुगतनी पड़ी थी ये यातना!
मरने
से पहले भीष्म ने अपने लिए सिरहाने की मांग की तो अर्जुन ने बाणो से
सिरहाने भी बना दिया, मुंह में तुलसी का पत्ता रखा और गंगा जल माँगा तो
अर्जुन ने बाण छोड़..
मातृत्व या बदला: भगवान कृष्ण ने क्यों मारा था अपनी दूध माँ को?
भगवान
अपने भक्तो की मन की हर बात जानते है, चाहे वो कैसी भी हो उनकी हर इच्छा
की पूर्ति देर सवेर पूरी करते है. जैसे सूर्पनखा ने श्रीराम को चाहा तो उसे
अगले जन्म..
श्रीराम ने मारा था एक गन्धर्व कन्या को, लेकिन क्यों?
महिलाओ
को मारना शाश्त्रो में बताया गया एक घोर पाप कर्म है लेकिन फिर भी भगवान
राम ने एक गन्धर्व राजकुमारी जो हालाँकि श्रापित थी मारा था. जाने पूरी
घटना....
रुद्रावतार दुर्वासा से जुडी किंवदंती, कुम्भीपाक नरक भी बन गया स्वर्ग सरीखा!
तीन
देवियो ब्राह्मणी पारवती और लक्ष्मी जी को नारद मुनि ने सती अनुसूया के
सती की ऐसी महिमा सुनाई की वो ईर्ष्या से जल उठी, उन्होंने हर यत्न से सती
की परीक्षा ली.
वामन अवतार के जन्म से जुडी ये बातें चौंका देने वाली है!
भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन चार महीने तक राजा बलि के द्वार पे खड़े
रहे थे, और दान में तीन पग भूमि मिलने पर उन्होंने अकाशा धरती और पाताल नाप
के इंद्र को...
मरते हुए दुर्योधन जब बोल न पाया, तो इशारो में बताये थे अपनी हार के 3 कारण!
दुर्योधन के बारे में आप कितना जानते है वो आज आपको पता चल जायेगा, अपने
पिता धृतराष्ट की ही भांति योग्य होके भी सिंघासन हाथ से निकल जाने के डर
से वो शकुनि की बात
तुलसी के पौधों के बारे में चली आ रही परम्पराओ के ये है वैज्ञानिक कारण!
तुलसी
के पौधे के बारे में ढेरो परम्पराए (मैिथस) चली आ रही है जिन्हे हम सही
मान कर आज भी जारी रखे हुए है, जैसे की तुलसी को दांतो से मत चबाओ, रविवार
के दिन तुलसी.
भगवान विष्णु ने मारा था शुक्राचार्य की माँ को, बदले की भावना में बने दैत्यगुरु!
शुक्राचार्य का नाम तो सबने सुना ही होगा, इतना सबको पता है की वो दैत्यों
और राक्षसो के गुरु थे लेकिन ये कोई नही जानता होगा की वो कौन थे कान्हा से
आये थे.
भक्तो से छल: माँ बाप को आरी से जिन्दा काटना पड़ा था अपने 3 साल के पुत्र को!
एक
बार अर्जुन को अपने कृष्ण के सर्वश्रेष्ठ भक्त होने का घमंड हो गया, वो
सोचता था की कृष्णा ने मेरा रथ चलाया मेरे पग पग पर सहायता की वो इस लिए की
में परमभक्त हु.
पंचकन्या: शास्त्रो में वर्णित पांच औरते जो एक से ज्यादा पुरुषो की होके भी बनी आदर्श पत्निया!
इतिहास
में ऐसी 5 औरतो का वर्णन है जो की एक से ज्यादा मर्दो की हुई लेकिन बावजूद
इसके भी वो आदर्श नारी या पत्नी कहलाई है, उन पांच औरतो को ही पंचकन्या
कहा जाता है.
रावण की मौत के बाद क्या मंदोदरी ने कर ली थी विभीषण से शादी?
त्रेता
युग में रामायण कथा के अनुसार रामावतार ने राक्षसराज रावण का वध कर अपनी
पत्नी सीता को मुक्त कराया था, राजा राम वापस आये और 11000 वर्षो तक
अयोध्या पर राज...
बहती नदी में बने है सहस्त्रो शिवलिंग, महाभारत काल की घटना से है सम्बन्ध!
दक्षिण
भारत के कर्नाटक राज्य के सिरसी शहर में कंही शलमाला नदी बहती है, नदी की
विशेषता ये है की उनमे हजारो की तादात में शिवलिंग बने हुए है जिनका अभिषेक
पूरी न्यू
मार न सके तो निगल गए भगवान गणेश इस दैत्य को!
ब्रह्मा
से वरदान पा एक दानव जिसका नाम था अनलासुर था सम्पूर्ण लोकों में उत्पात
मचाने लगा, वो अग्नि पर काबू पा चूका था और वरदान ये था की पहली कभी न हुआ.
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अर्जुन ने बचाई थी गुरु द्रोण की जान, द्रोण के जीते जी न बन सके सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर!
अपनी
पत्नी के भाई कृपाचार्य के बुलावे पर द्रोणाचार्य आये हस्तिनापुर और
कुरुवंश के राजकुमारों के गुरु बन गए, कौरवो और पांडवो को सामान शिक्षा दे
रहे थे लेकिन एकदा
राधाकृष्ण के मित्रो ने दिए एक दूसरे को श्राप, एक बना अंध भक्त तो दूसरा तानसेन का बाप!
राधा
कृष्ण के मित्र भला ऐसा कैसे कर सकते है ये सोच के आप भी चक्कर खा गए है
न, लेकिन जान ले की ऐसा ही हुआ था लेकिन इसके पीछे भगवान का ही हाथ था.
जाने पूरी कथा...
बाल कृष्ण को भी लग गई थी गोपियों की बुरी नजर, कैसे उतरी?
भगवान
कृष्ण का बाल रूप ऐसा था की खुद शिव भी उन्हें पास से देखने और उन्हें गोद
में लेने के लिए एक साधु का वेश धार के गोकुल में आ गए थे. लेकिन इस पर भी
यशोदा ने..
योगमाया: ब्रह्मा जी को भी नही था विश्वास श्री कृष्ण के भगवान होने का!
ये
संसार माया से बंधा हुआ है, सबको मालूम है की मृत्यु सत्य है एक न एक दिन
मरना है लेकिन फिर भी हम अपने दैनिक कामो में इतने व्यस्त रहते है की हमें
ये सच याद नही
भगवान गणेश को क्यों नही चढ़ाई जाती है तुलसी?
भगवान
गणेश को उनके पिता महादेव ने अपने ही पुत्र की हत्या के एवज में प्रथम
पूजनीय होने का वरदान मिला था, हालाँकि गनेश वध के पीछे एक असुर को मारने
का प्रयोजन था.
वृन्दावन के नाम से जुड़ा है, राधा के पूर्वजन्म का रहस्य!
हालाँकि
भगवान की 8 पटरानिया और 16100 रानिया थी लेकिन उनमे से किसी को भी उतनी
कीर्ति नही मिली जितनी श्रीकृष्ण की पत्नी न होके भी राधा रानी को मिली थी.
हनुमान जी की एकमात्र महिला भक्त की कहानी, क्या सुनी है आपने?
हालाँकि
उसके नाम के बारे में कोई पुष्टि नहीं है, लेकिन भारत की लोक कथाओ में
उसका वर्णन है जो की बजरंगी की एकमात्र महिला भक्त हुई थी. कथा कलियुग के
प्रारम्भ...
पिता चलाते थे गुरुकुल, फिर भी ढपोल रह गया पुत्र जाने कैसे हुआ तत्व ज्ञान!
एक
ब्राह्मण गुरुकुल चलाते थे जिनका नाम था गोपाल पंथ. उनके एक पुत्र था और
विडम्बना देखिये तमाम शास्त्रो का ज्ञान होने के बाद भी गोपाल पंथ अपने
बेटा ढपोल रह गया.
द्वारका के साथ ही जलमग्न हुआ था रामसेतु, साबित करती है ये कथा!
भारत
के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक लगभग तीस किलोमीटर लम्बे और
ढाई किलोमीटर चौड़े रामसेतु का निर्माण रामसेना ने अब से लगभग 1725000 साल
पहले बना था.
श्रीराम ने नही किया था गर्भवती सीता का त्याग, तो क्या था कारण?
मर्यादा
पुरुषोत्तम होते हुए भी भगवान राम की इसलिए आलोचना की जाती है की उन्होंने
अपनी गर्भवती पत्नी को त्याग कर वन में भेज दिया था, लेकिन हक़ीक़त कुछ और
है. क्या?
5000 साल युद्ध करने पर भी नही मार पाये थे भगवान विष्णु दो दानवो को!
बात
लाखों वर्षो पूर्व की है जब धरती पर सिर्फ पानी ही व्याप्त था और भगवान
विष्णु क्षीरसागर में शेष शैय्या पे गहरी नींद में सोये हुए थे. जब वो नींद
में थे तो....
अपनी ही पत्नी के पेट में अपने पुत्र संग पला था ये राक्षस, पर क्यों?
ब्रह्मा
ने अपने मानस पुत्रो और प्रजापतियों की रचना की जिससे श्रिष्टि आगे बढ़
सके, दक्षप्रजापति की पुत्रियों से कश्यप ऋषि का विवाह हुआ जिनसे दानव भी
जन्मे थे.
महाभारत काल के 1 ऋषि, शर्म के चलते करते थे जानवर बन जानवरो संग मिलन!
भारत
का पौराणिक इतिहास अजीब से अजीब घटनाओ से ओतप्रोत है जो दी दूसरी
संस्कृतीयो के लिए काल्पनिक है लेकिन हमारे लिए वो हमारा ही इतिहास है. ऐसी
ही एक घटना पेश है.
ब्रह्मा जी ने एक राक्षसी को बताया था रावण के अंत की शुरुवात का लक्षण!
वक्त
से कोई भी पार नही पा सकता है चाहे वो आदमी हो या इंसान, सब कुछ वक्त के
ही हाथो में है. उपरवाला पहले से ही हमारी तक़दीर लिख चूका होता है और चाहे
हम विलाप करें
अपने बच्चे को दीजिये गर्भ में ही शिक्षा, प्रह्लाद अभिमन्यु और अष्टावक्र की तरह!
हम
सबने महाभारत रामायण और पुराणो की कहानिया तो सुनी है जिसमे ज्ञात तीन ऐसी
घटनाओ का उल्लेख है, जब गर्भस्त शिशु को/ने जन्म से पहले ही गर्भसंस्कार
दिए/लिए गए थे.
Debate: रामायण काल की इस घटना को माना जाता है जातिवाद के लिए जिम्मेदार!
घटना
त्रेतायुग के अंत की है, एक क्षुद्रजाती का व्यक्ति जिसने नाम शम्भुका था
जंगल में तपस्या लीन था और उसके पास ही एक ब्राहमीन का शव पड़ा था. जाने
पूरी कहानी..
श्रीकृष्ण और अर्जुन ही नही, उनके पुत्रो ने भी किया था भाग के प्रेम विवाह!
आज
कल भाग के शादी करने वाला ट्रेंड तो काफी कम हो गया है, सिर्फ गाँवो में
ही अभी ऐसे किस्से सुनने मिलते है क्योंकि लोगों ने भी अब प्रेम को स्वीकार
कर लिया है.
बाहुबली ने प्रयोग किया था त्रिशूल व्यूह, पर महाभारत में कौन कौन से व्यूहों का हुआ था इस्तेमाल?
बाहुबली
की धमाकेदार ने फिर से पौराणिक काल में होने वाले जमीनी युद्ध की यादें
ताजा कर दी, निर्देशक राजामौली ने भी निर्माण में पौराणिक तथ्यों का
इस्तेमॉल किया.
अर्जुन ने ब्रह्मास्त्र से काटा था कर्ण का सर, कटे सर ने भी दिया ब्राह्मण को ये दान!
हालाँकि
कर्ण में खलनायक के कई से गुण थे जो उसे नायक कहे जाने पर सवाल उठाते है
लेकिन इन सब के बावजूद भी कर्ण बिना किसी विवाद के महादानवीर था. मरते वक्त
भी दे गया
शूर्पणखा :रामावतार में लक्ष्मण ने काटा था नाक, कृष्ण ने उसे छूके दिया सेवा का मौका!
भगवान अपने भक्तो का साथ कभी नही छोड़ते है, भगवान को चाहने वाला ( चाहे वो
किसी भी रूप में चाहे) अपनी चाहत का फल अवश्य पाता है अगर इस जन्म में नही
तो अगले जन्म मे
यंहा आज भी रास रचाते है गोपियों संग कन्हैया, देखने वाले खो बैठते है मानसिक संतुलन!
राधा
कृष्ण भारत में ही दुनिया भर में प्रेम की मिसाल है, उनके प्यार की
रंगभूमि वृंदावन आज भी उनके प्यार से ओतप्रोत है. इसी वृन्दावन नगरी में के
स्थान है निधिवन.
तिलक लगाने और पैर छूके प्रणाम करने के है ये जबरदस्त फायदे!
भारत
में बहुत पुरानी परंपरा है अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने
की, भारतीय लोगो में उर्म में अपने से बड़े के चरण स्पर्श करना अच्छा और
शुभ समझते हे.
भगवान किस की प्रसन्नसा से होते है सबसे ज्यादा प्रसन्न?
भगवान
हमारे अंदर बस्ते है और उसे महसूस कर सकते है, अगर हम ऐसा करले तो हमें
अपनी इच्छाओ को भगवान को बताने की जरुरत नहीं है अर्थात हमें कुछ मांगने की
जरुरत नहीं.
गुरुवाणी: गुस्सा आने पर दो करीबी लोग क्यों चिल्ला कर बात करते है?
प्राचीन
काल में जब गुरु शिष्य परंपरा थी तब एक एक गुरु अपने शिष्यों के साथ बैठे
थे, सहसा ही सभी शिष्य आपस में चर्चा करने लगे जिसमे वो काफी जोर जोर से
बोल रहे थे.
अष्टभार्या: भगवान कृष्ण की 8 पत्निया और उनसे शादी की कथाये!
भगवान
कृष्ण कर्मयोगी कहलाये क्योंकि महज अड़तीस साल की उम्र में ही उन्होंने ऐसे
कर्म कर डाले जो अभी तक किसी भी अवतार ने नही किये थे. ऐसे में उनकी शादी
की कथा.
भगवान विष्णु को अपने ही परम भक्तो से मिले दो श्राप, तब लेना पड़ा राम कृष्ण अवतार!
अगर
आपके साथ कोई बुरा बर्ताव करता है जो आपका ही कोई सबसे प्रिय हो तो इसमें
दुखी मत होइए, ये आपके ही अपनत्व का नतीजा है जो आपको मिल रहा है. अगर बात
भगवान किहो तो
नाम संकीर्तन की महिमा: गलतफहमियों से भी हो सकता है आपका बेड़ा पार!
त्योहारो
का समय है और सब खरीदारी में व्यस्त है, परिवार जनो के लिए उनकी ख़ुशी के
लिए साल भर भागदौड़ करते है और ऐसे में त्यौहार सबसे फिर जोड़ के हमें ऊर्जा
देता है.
कृष्ण बलराम ने अपने बाल्यकाल में यमराज से क्यों किया था युद्ध?
भगवान
कृष्ण और बलराम ने कंस का वध कर मथुरा वासियो को उसके अन्यायों से मुक्ति
दिलाई, उग्रसेन जी को फिर से राजा बनाया गया था. लेकिन पुत्र से दूर रहने
के बाद भी
हनुमान जी ने दिए थे भीम को अपने तीन बाल, लेकिन क्यों?
महायुद्ध
समाप्त हो गया था, पांडव तब मजे से रह रहे थे तभी नारद मुनि आये और
उन्होंने युधिष्ठर से कहा की स्वर्ग में आपके पिता पाण्डु दुखी है. कारन
पूछने पर
राम के पूर्वज मान्धाता ने पिता की कोख से लिया था जन्म, देवो ने किया था Operation
इंद्र
देव ने शिशु को अपनी अंगुली से दूध पिलाना शुरू किया वह शिशु 6.5 का हो
गया। कहते हैं राजा मांधाता से सूर्य उदय से लेकर सूर्यास्त तक के राज्यों
पर शासन था.
चौरस्ते पे जरा सम्हल के, कंही आप पे भी न चढ़ जाये काला जादू!
हालाँकि
ये अफवाह है या हक़ीक़त ये तो पता नही चला पर पिछले महीने ही सुनने में आया
था की मुंबई पुलिस ने कुछ व्यक्तियों को दो लाशो के साथ गिरफ्तार किया था.
हिन्दू वर्ष में होते है सिर्फ 354 दिन, फिर कैसे लगा लेते है सूर्यचन्द्र ग्रहण के सटीक समय का अनुमान?
हिन्दू
कैलंडर के प्रत्येक महीने में साढ़े उन्नतीस दिन ही होते है फिर भी वो गृह
दशाओ चन्द्र-सूर्य ग्रहण का बिलकुल सही समय का अनुमान लगा लेता है. आप सोच
रहे होंगे
अगर महाप्रलय से लगता है डर तो जान ले ये बातें!
सतयुग
से त्रेतायुग में प्रवेश पर प्रलय आई थी जिसमे स्वयं भगवान विष्णु ने
मत्यवतार धारण कर राजा मनु को बचाया था. अभी तो कलियुग बाकि है और सतयुग के
1728000 साल
दो ऋषियों की प्रतिस्पर्धा का परिणाम, बनते बनते रह गए दूसरे स्वर्ग और ब्रह्माण्ड!
भारतीय
पुराणो में ऋषि मुनियो के तपोबल से तो आप वाकिफ ही होंगे, उनका तीनो लोको
में आना जाना रहता था, मुचकन्द राजा ने इंद्र की तरफ से युद्ध भी लड़ा था.
लेकिन आपने
निसहाय गाय को मारा था कर्ण ने, मिला था श्राप उसी कारण हुई थी मौत!
दुशाशन
को जब भीम मार उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो
दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव देखा न ताव, कर्ण को अर्जुन को
ख़त्म करने का
गरुड़पुराण: मौत के बाद आत्मा को अंतिम संस्कार दिखाते है यमदूत, फिर बना देते है कौवा!
हालाँकि
सबको पता है की जो जन्मा है उसे एक न एक दिन मरना है, उसके बाद भी सबको उस
दिन के इन्तेजार में डर लगता है लेकिन इस बात को जान मौत को जितने का
प्रयास कोई
72 करोड़ थी रावण की सेना फिर भी 8 दिन ही चला था रामायण का युद्ध!
आश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को शुरू हुआ था रामायण का युद्ध, दशहरे के दिन यानि दशमी को रावण वध के साथ ही समाप्त हो गया था.
द्वापर युग की समाप्ति पे कैसे हुआ था पांडवो का अंत!
भगवान
कृष्ण एक जंगल से होके निकल रहे थे तभी उनके पैर में एक कांटा लगा और वो
दर्द से कराहते हुए एक पेड़ के नीचे बैठ गए, तभी एक भील शिकारी वंही से
निकला.
आखिर किस वजह से अंधे ध्रितराष्ट्र ने एक दासी से बनाये शारीरिक सम्बन्ध?
हम
और आप को तो उतना ही पता है जितना महाभारत की टीवी में दिखाया गया है,
लेकिन इतिहास के पन्नो में जो दफ़न है उसके राज अगर खोलेंगे तो जरूर मिल
जायेंगे आप को.
पौराणिक कथा: कैसे हुआ धरती और हिमालय का निर्माण?
लाखों
वर्षो पहले की बात है जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषशायी हुआ करते थे,
उसी समय उस सागर में एक समुद्री चिड़िया का दम्पति रहता था.
रावण के थे 6 भाई, दो बहने, तीन पत्निया और सात पुत्र
दीपावली
आने वाली है और हालही में दशहरा गया है जिस दिन भगवान राम ने रावण का
संहार किया था, लेकिन आप कितना जानते है रावण और उसके परिवार के बारे में?
श्रीराम भक्त कबीरदास के परिवार के बलिदान की कहानी जान रो देंगे आप!
नदी
में एक बड़ा कमल तैरता हुआ जा रहा था जिसमे एक सुंदर बालक लेटा हुआ था, एक
जुलाहन औरत की नजर उसपे पड़ी और उसने बच्चे को गोद में उठा लिया. उस महिला
का नाम नीरू था
भक्त कनकदास: जिसके स्वप्न में आ श्रीकृष्ण करते थे भक्त बनने की विनती!
गुरु
व्यासरायल ने अपने शिष्यों को फल दिए और कहा की उन्हें खा लेना, परन्तु
स्मरण रहे के इसे ऐसे खाए की कोई देख न सके. कोई शिष्य चद्दर में छुप कर तो
कोई चारपाई के
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