बुधवार, 12 अप्रैल 2023

एक श्रद्धांजलि ऐसा भी / अनिल कुमार चंचल



एक श्रद्धांजलि ऐसा भी  / अनिल कुमार चंचल 


 एहसास 

"एहसास ए दिल "

AGAM SANGEET  की ओर से मेरे संपादन में गीत ग़ज़लों  को संकलित पुस्तक प्रकाशन के क्रम में है. 

अभी तक औरंगाबाद से जनाब shabbir Hasan shabbir ,Sri Dhananjay Jaipuri, Himanshu Chakrapani, Janab Ekbal Akhtar Dil, Arvind Akela, sri Praveen Parimal,  sri sewa Sadan Prasad Smt Reema Sinha lakhnow, Debnath Ranj 

के रचनाएँ मुझे मिल चुकी है. 

यह स्व विनोद कुमार सिन्हा पुत्र स्व डॉ AGAM और हमारी माँ स्व सावित्री देवी को एक अनिल चंचल और उनके बच्चों की ओर से एक श्रद्धांजलि अर्पित होगी. 

स्व विनोद आपके जिले के ही एक गुमनाम गीतकार, लोक संगीत का composers जिसने 1966 में औरंगाबाद को छोड़कर  नौकरी के लिए Daltonganj, घर बसाया और 11july 2011 को अंतिम सांसे ली. 

ये औरंगाबाद का पुत्र झारखंड में परिचय का मोहताज़ भी नहीं है जिसने नटराज कला केंद्र की स्थापना, स्व महेंद्र नाथ त्रिपाठी, स्व हरिशंकर प्रसाद, स्व दीनानाथ साथी जैस संगीतप्रेमी के साथ स्थानीय प्रबुद्ध लोंगो का भरपूर साथ मिला. इनकी बेटी की समान शिष्य स्व नीलिमा सहाय  Ranchi Doordarshan ki Station Director ने उन तमाम नटराज कला केंद्र से जुड़े कलाकारों को आकाशवाणी और Doordarshan केंद्र में बतौर सहायता कर अपने रिश्तों को कायम मरते दम तक रखा. 

चुकीं मैं नौकरी में बाहर था लेकिन दो चार बार भेट हुई एक सगे चाचा का सम्मान वो अपने कार्यालय के कक्ष में मेरे चरण स्पर्श कर ही आशीर्वाद लेती रहीं. 

  यदि नीलम के लिए लोग कुछ कहना चाहे तो प्रक्रियाओं को मैं पुस्तक में स्थान देना चाहूंगा. 

मेरे अनुज funtus जी कुछ अटपटा लगेगा लेकिन बचपन से हम क्या पूरा मुहल्ला स्व प्रदीप कुमार रोशन को जनता था. कब रोशन रौशन हुआ मैंने उसके चले जाने के बाद शहर के लोंगो और उसके लिखे गीत ग़ज़ल नज़्म से पहचाना..

रौशन पर पहली क़िताब, अनामी शरण बबल और उसके बाद दूसरी किताब श्री विजय प्रकाश IAS ने creative learning के माध्यम से लोंगो तक पहुँचा है. 

 चर्चा के क्रम में प्रदीप के प्रति उनके मन में बहुत कुछ है और प्रदीप के कुछ रचनाएँ इस किताब का एक अहम हिस्सा होगी. 

 औरंगाबाद काव्य गोष्ठी में मैंने 2 अप्रैल को घोषणा किया है और ये जून तक काम हो जाना है. 

 वादे के अनुसार कुछ मित्रों की प्रतीक्षा में हूँ. 


सूचनार्थ 


!!  हमे लगता है कि 'एहसास ए दिल की छपाई नवी मुंबई में कराना सुविधाजनक होगा. !

कुछ मित्रों से बात हुई है और उनके बुक्स की छपाई भी हुई है, इसलिए मेरे लिए भी यही सुविधाजनक होगी.


धन्यवाद


अनिल कुमार चंचल 







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