रविवार, 29 सितंबर 2024

कान खड़े है / धनंजय सिंह

 सबके चौकस कान खड़े हैं

चारों ओर फुसफुसाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


चारों ओर मच रहा दंगा

परजा कहती राजा नंगा

कैसी अजब खलबलाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


खुशहाली है अखबारों में

बदहाली है बाजारों में

बस हर ओर बलबलाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


जुआ खेलते धर्मराज हैं

सबके उलटे कामकाज हैं

फैली अजब सनसनाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


पार्थ-भीम के होंठ सिले हैं

भीष्म-द्रोण भी हिले-हिले हैं

बस सब ओर सनसनाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


द्रौपदियों का चीरहरण है

राजा कहता पुरश्चरण है

मन में बहुत दलदलाहट है

यह तुम मुझे कहाँ ले आये!


---धनञ्जय सिंह.

शुक्रवार, 27 सितंबर 2024

माँ दो नव वरदान./ धनंजय सिंह sjngh


 नित नवीन उद्भावना, नये-नये उपमान

नवल व्यंजना का मुझे, माँ दो नव वरदान !


नित नवीन शुभ कल्पना, नित-नित नये प्रतीक

सहज लक्षणा-व्यंजना, माँ दो मुझे सटीक!


नये बिंब,नव कल्पना, नवल भाव-संज्ञान

नवल भंगिमा का रहे,प्रतिपल अनुसंधान!


नवल छंद, गति-लय नयी, नूतन मधुमय भाव

अलंकार-रस पूर्ण हों, हे माँ सब अनुभाव!


संध्या-वंदन-प्रार्थना, कर लो माँ स्वीकार 

रिक्त हृदय में काव्य का, दो नूतन अवतार!


वाणी रस-परिपूर्ण हो, शब्द-शब्द संगीत 

माँ ऐसा वरदान दो, पूर्ण रहे हर रीत!


नये गीत में भाव का, हो नूतन शृंगार 

नव गति, नव लय, स्वर नये, दे दो माँ उपहार!


---धनञ्जय सिंह.

गुरुवार, 26 सितंबर 2024

कथाकार इस तरह बने कहानीकार

 चलो बने “ कथाकार “

कथा “ कहे और लिखे ✍️


अपने प्यारे बच्चों के लिए आपकी अपनी “ बबिता “ लेकर आ रही है - 

एक अनूठी और अनोखी पहल ।

जहाँ बच्चे अच्छा सोचना , लिखना , पढ़ना और कहना सीखेंगे - ख़ुद से ख़ुद की सच्ची कहानियाँ ( बाते ) 

लघु कथा ( कहानी ) 

उम्र( Age )  - 7 तो 14 

वर्कशॉप का अभिप्राय !! 

1-बच्चों का स्वस्थ मानसिक विकास 

2-लेखन क्षमता में सुधार 

3-विचारों का आदान- प्रदान 

4-अच्छी और सकारात्मक भाषा शैली की समझ को बढ़ावा देना । 

5- बच्चों कि Creativity को उभारना । 

6-बच्चों के मन के विचारों को शब्दों में पिरोना और उन शब्दों के माध्यम से उनके दिल की बातों को समझना । 

7- बच्चों के मानसिक स्तर को प्रभावशाली बनाना । 

8- कहानी और कथा के मध्यम से जीवन में मूल्यों को उतरना ( Value based) 

9- Observation power को बढ़ावा देना । 

10- लेखन कला के माध्यम से writing ✍️ skills को बढ़ाना । 

⭐️Most important 

Social media के इस दौर में बच्चों के कुछ वक़्त को constructive कार्यों के लिए निर्धारित करना । 

⭐️ बच्चों कि इस पहल से अनेक बच्चों को प्रोत्साहित करके , देश में एक ऐसी युवा शक्ति का विकास करना , जिसकी भाषा, सोच और लेखनीं दमदार हो ।

बुधवार, 25 सितंबर 2024

ग़ज़ल (1) / अच्छी थी पगडंडी अपनी / सिन्हा आत्म स्वरूप

 1


*"अच्छी थी, पगडंडी अपनी,

सड़कों पर तो, जाम बहुत है!!*


*फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो,

सबके पास, काम बहुत है!!*


*नहीं जरूरत, बूढ़ों की  अब,

हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है!!*

  

*उजड़ गए, सब बाग बगीचे,

दो गमलों में, शान बहुत है!!*


*मट्ठा, दही, नहीं खाते हैं,

कहते हैं, ज़ुकाम बहुत है!!*


*पीते हैं, जब चाय, तब कहीं,

कहते हैं, आराम बहुत है!!*


*बंद हो गई, चिट्ठी, पत्री,

व्हाट्सएप पर, पैगाम बहुत है!!*


*झुके-झुके, स्कूली बच्चे,

बस्तों में, सामान बहुत है!!*


*नही बचे, कोई सम्बन्धी,

अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!!*


*सुविधाओं का,ढेर लगा है यार.

पर इंसान, परेशान बहुत है!!*

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

गणेश चतुर्थी / डॉ वेद मित्र शुक्ल,


गणेश चतुर्थी (विशेष:)

ग़ज़ल 


       - डॉ वेद मित्र शुक्ल, 

          नई दिल्ली

 

सबसे पहले जिनकी पूजा हम करते, प्यारे गणेश,

जन-गण-मन में गणपति बप्पा हो बसते प्यारे गणेश|


सारे जग में जीवन भर हम कहाँ-कहाँ घूमें, लेकिन -

माँ-बाबू जी मेरी दुनिया हैं कहते प्यारे गणेश|


अच्छे कारज में देरी क्यों, शुरू करें हिलमिल आओ,

बाधाएं यदि आ जायेंगी, हैं हरते प्यारे गणेश|


अन्यायी से लड़ने को जो करे एकजुट जन-जन को,

गणपति उत्सव ऐसा ही जहँ हैं सजते प्यारे गणेश|


लिखना होता सोच-समझकर काल चक्र की जब गति से,

देखो, कथा महाभारत की हैं लिखते प्यारे गणेश|

साहित्य के माध्यम से कौशल विकास ( दक्षिण भारत के साहित्य के आलोक में )

 14 दिसंबर, 2024 केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के हैदराबाद केंद्र केंद्रीय हिंदी संस्थान हैदराबाद  साहित्य के माध्यम से मूलभूत कौशल विकास (दक...