गुरुवार, 14 जुलाई 2022

सावन में रपटन होवत है / ताल तलैयन पर मत जइयो -


मशकूर अहमद 'नजमी' बदायूँनी


 मत द्वारे पर टेर लगइयो,

साँकर धीरे- धीरे बजइयो


हमरी गली बिछुआ डो.लत हैं

हुसियारी से अइयो जइयो


हमरी निसानी ढाँप के रखियो,

जाको तमासो मत बनवईयो


सावन में रपटन होवत है

ताल तलैयन पर मत जइयो


हम जावत हैं कंडा थापन

पीछे पीछे मत आ जइयो


प्रेम का बिरवा सूख न जाये

पानी वानी देवत रहियो प्रेम


ऐसे ही अच्छे लागत हो

मजनू फजनू मत बन जइयो


हमरे दिखैया आवन लागे

तुम खेतन पर सोवत रहियो


चंपा हमरी पक्की दुश्मन,

बाकी बातन में मत अइयो,


हमका औरन से का मतबल,

कालिया मच्छी तुम मत खइयो


भौजी तो अपने माईं हैं

महतारी से बच के रहियो


नैन लडावन में कुछ न है

खोट नजर में मत ले अइयो


कोई ततैया जब रपटावे

हमरी चुनरी में डुक जइयो


हमरो बियानो जेब मे धर के,

और कहीं पर मत बिक जइयो,


होरी में "नजमी" औरन से

हमरी चुनरिया मत रंगवईयो

            


~ मशकूर अहमद 'नजमी' बदायूँनी

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