शनिवार, 18 दिसंबर 2021

मैं एक नारी हूँ

 मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l


बेटी बनूं तो पिता की शान बन जाती हूं, 

बहन बनूं तो भाई का अभिमान बन जाती हूं l

बीवी बनूं तो पति का भाग्य बन जाती हूं,

मां बनूं तो बच्चों की ढाल बन जाती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l


होए जो पैसा पहन के गहने मैं बहुत इठलाती हूं, 

हालात ना हो तो दो जोड़ी कपड़े में ही अपना जीवन बिताती हूं l

कभी तो अपनी हर बात में मनवा जाती हूं, 

तो कभी चुप घड़ी औरों की बात सुन जाती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l


कभी बनकर की लाडली मैं खूब खिलखिलाती हूं,

तो कभी दरिंदों से अपना दामन बचाती हूं l

कभी रख फूलों पर अपने कदम महारानी बन जाती हूं,

तो कभी दे अग्नि परीक्षा अपना अस्तित्व बचा जाती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l 


आए मौका खुशी का तो फूलों से नाजुक बन जाती हूं, 

आए जो दुखों का तूफान तो चट्टान बन अपनों को बचाती हूं l

मिले जो मौका हर क्षेत्र पर अपना हुनर दिखलाती हूं, 

जो ना मिले मौका तो चारदीवारी में ही अपना जीवन बिताती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l


उड़ान भर्ती हूं तो चांद तक पहुंच जाती हूं, 

मौके पड़ने पर बेटों का फर्ज भी निभा जाती हूं l

करके नौकरी पिता का हाथ बताती हूं, 

दे कांधा उन्हें श्मशान भी पहुंचाती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l


आए जो भी चुनौती उसका डट के सामना कर जाती हूं,

मिले जो प्यार तो घर को स्वर्ग सा सजाती हूं, 

हुए जो अत्याचार तो बन काली सर्वनाश कर जाती हूं l 

मैं कोई बोझ नहीं यह हर बार साबित कर जाती हूं l


मैं एक नारी हूं, हर हाल में जीना जानती हूं l

🙏🙏

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