गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

महाकवि अरविंद अकेला की कविताएँ



आओ बने हम हिंदुस्तानी

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हम नहीं बनेंगे पाकिस्तानी,

नहीं बनेंगे कभी तालिबानी,

सदियों से रहे भारत के वासी,

आओ बने हम हिंदुस्तानी।


सदियों से दिल जीता है सबका,

नहीं किये किसी से मनमानी,

सदा करते बहू-बेटियों की इज्जत,

नहीं करते किसी से शैतानी।


हममें ओज भगवान श्रीराम का है,

हममें शिवाजी,महाराणा सी जवानी,

दुनियाँ के लिये हम जान लुटा देते,

रहा इतिहास अपना सदियों पुरानी।


हमने दिया सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान,

हम रहे सदैव जगतगुरु व ज्ञानी

हम हैं वीर गुरु गोविंद,कुंवर,हामिद सा,

हमने किसी से कभी हार नहीं मानी ।


नहीं समझो हमें असहाय,अकेला,

नहीं बनो मेरे सामने कोई तालिबानी,

छठ्ठी का दुध याद कराते हैं दुश्मन को,

क्योंकि हम हैं धीर,वीर हिंदुस्तानी।

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: प्रार्थना 


सदा तेरी जय जय हो मैया

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सदा तेरी जय,जय हो मैया,

हम सबकी माँ भारती,

माँ तुम हो मेरी दुखभंजन,

उतार रहे तेरी आरती।

    सदा तेरी जय जय...।


तुम हीं मेरी हो भारत माता,

हम सबकी हो भाग्य विधाता,

करते हम सब तेरी वंदन,

उतार रहे तेरी आरती।

    सदा तेरी जय जय...।


हमसब हैं वीर पुत्र तुम्हारे,

तुम बिन हमको कौन उबारे,

कर रहे माँ तेरा अभिनंदन,

उतार रहे तेरी आरती।

    सदा तेरी जय जय...।


करेंगे माँ हम रक्षा तुम्हारे,

चली जाये चाहे प्राण हमारे ,

कर रहे माँ तेरे माथे पर चंदन,

उतार रहे माँ तेरी आरती।

    सदा तेरी जय जय...।

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 मेरे प्यार के गाँव में


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जब शाम ढ़ले,कोयल कुके,

पंछी चहके,जब दिल धड़के,

चले आना बरगद के तले,

मेरे प्यार के गाँव में। 


जब-जब बहने लगे मंद बयार,

उमड़ने लगे तुम्हें दिल में प्यार,

चले आना मीठे सपनों के तले,

मेरे प्यार के गाँव में। 


जब अकेलापन तुम्हें डराने लगे,

तन्हाई तुम्हें जब सताने लगे,

चले आना उम्मीदों के तले,

मेरे प्यार के गाँव में। 


तेरे जीवन में जब अंधेरा छाने लगे,

अपने भी जब ठुकराने लगे,

चले आना प्रेम-विश्वास के तले,

मेरे प्यार के गाँव में। 

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         पड़ोसन 

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एकदिन पड़ोसन बोली मुझसे,

कहूँ दिल की अपनी एक बात,

मोरे पिया गये हैं दूर मुझसे,

कटती नहीं जाड़े की यह रात ।


आप हीं बतायें,किसके पास जायें,

किसको अपनी हाल बतायें,

कौन सुनेगा समस्या मेरी,

समझेगा कौन मेरे जज्बात। 


मैनें बोला सुन मेरी पड़ोसन,

पकड़ो तुम किसी नेता का हाथ,

वहीं समस्या का समाधान करेगा,

देगा हर मुसीबत में तेरा साथ। 


वो हीं कमल खिलायेगा दिल में,

करेगा तुमसे मीठी-मीठी बात,

साइकिल,कार से घुमायेगा वह,

करेगा तेरी सेवा हर दिन रात। 


अपना बंगला,हवेली ले जायेगा वह,

नजरों से तीर चलायेगा,

कराये दुनियाँ की सैर तुमको,

करायेगा सांसद,मंत्री से मुलाकात। 


जब दिखाई देगा अंधियारा तुमको,

लालटेन भी वह दिखायेगा,

नेता सर्वत्र पूजे जाते देश में,

दिखायेगा अपनी ऊँची औकात।


हर समस्या का समाधान  है नेता,

बिछाता वह शतरंज की बिसात,

जल्द नेता पास जा मेरी पड़ोसन,

कटेगी मजे में तेरी हर दिन रात। 

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माँ के चरणों में मेरी जन्नत 

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मेरे पास नहीं कोई धन- दौलत,

नहीं कोई जमीन,मकान ,

आज मेरे पास जिन्दा है मेरी माँ,

उसका दिया प्यार व मान।


माँ के चरणों में मेरी जन्नत,

बसी है मेरी दुनियाँ जहान,

माँ ने हमें चलना सिखाया,

सिखाया हमें वास्तविक ज्ञान। 


पिता हमें छोड़ गये अकेला,

दे रहे हमें स्वर्ग से ध्यान,

पिता के खून से मिली इंसानियत,

बढ़ा रहे वे मेरी शान। 

     

इतनी सुमति देना हमें दाता,

माँ की करू सदा सेवा,सम्मान,

मिलता रहे माँ का आशीर्वाद हमें,

माँ के कदमों में रहे मेरा प्राण।


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1 टिप्पणी:

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