प्रेमचंद के कथा संकलन मानसरोवर -1 मानसरोवर -2 मानसरोवर -3 मानसरोवर -4 मानसरोवर -5 मानसरोवर -6 मानसरोवर -7 मानसरोवर -8 विभाजन की कहानियाँ |
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गजानन
माधव मुक्तिबोध की कहानियाँ रेणु की कहानियाँ मोहन राकेश की कहानियाँ मनमोहन भाटिया की अभिव्यक्ति (भाग-1) भैरव प्रसाद गुप्त की कहानियाँ |
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कुछ चुनी हुई
कहानियाँ
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अ से अ:
अकलंक - 'अज्ञेय' अखबार वाला- मनमोहन भाटिया अपत्नी - ममता कालिया अपने आँगन से दूर - ख़दीजा मस्तूर (उर्दू) अपरिचित - मोहन राकेश अपरिचिता- रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) अमरवल्लरी - 'अज्ञेय' अमृतसर आ गया है - भीष्म साहनी अनमोल भेंट - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) अनाथ - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) अंदर के पानियों में एक सपना कांपता है - जया जादवानी अन्नपूर्णा मंडल की आखिरी चिट्ठी - सुधा अरोड़ा अँधेरा - रमाकांत अलग-अलग तीलियाँ - प्रभु जोशी अवगुंठन - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) अन्तिम प्यार से - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) अंतिम इच्छा - बदीउज़्ज़माँ अनुपमा का प्रेम - शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला) अर्धांगिनी -शैलेश मटियानी अभिमन्यु की आत्महत्या - राजेंद्र यादव आकाशदीप -जयशंकर प्रसाद आख़-थू - प्रेमनाथ 'दर' (उर्दू) आखिरी झूठ - गुलाबदास ब्रोकर (गुजराती) आखिरी तिनका - गुलज़ार सिंह संधू (पंजाबी) आख़िरी बातचीत - लू शुन (चीनी) आखिरवीं विदा - डॉ. सूर्यबाला आर्द्रा - मोहन राकेश आर्ट का पुल -फ़हीम आज़मी (उर्दू) इंसानियत - करतार सिंह दुग्गल (पंजाबी) अलग अलग तीलियाँ - प्रभु जोशी इतवार नहीं - कुणाल सिंह
इति
- गीतांजलि श्री
ट से ण
इस्माइल शेख़ की तलाश में - होमेन बरगोहात्रि (असमिया) ईश्वर द्रोही - पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' उसका आकाश - राज़ी सेठ उसकी कहानी - राधाकृष्ण उसकी रोटी - मोहन राकेश उसने कहा था -चंद्रधर शर्मा गुलेरी एक और ज़िंदगी - मोहन राकेश एक छोटा-सा मज़ाक - अंतोन चेख़व (रूसी) एक देर शाम - अजय नावरिया एक प्लेट सैलाब - मन्नू भंडारी एक पाठक - मक्सिम गोर्की (रूसी) एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना -अमृता प्रीतम (पंजाबी) एक शिकायत सबकी - विद्यासागर नौटियाल ओ रे चिरुंगन मेरे - मीना काकोडकर (कोंकणी) ओ हरामज़ादे - भीष्म साहनी टोबा टेकसिंह - सआदत हसन मन्टो (उर्दू) ठंडा गोश्त - सआदत हसन मंटो (उर्दू) ठंडी दीवारें - गुरमुख सिंह जीत (पंजाबी) डिप्टी कलेक्ट्री - अमरकांत ढिबरी टाईट - तेजेंद्र शर्मा त से न
तकसीम
- गुलज़ार
(उर्दू)
य से श
ताई - विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' तीन काल कथा - काशीनाथ सिंह तीस साल बाद - रवींद कालिया तुम भी - राजी सेठ दर्शक - प्रियंवद दारोश - एस. आर. हरनोट दिल्ली में एक मौत - कमलेश्वर दूसरा ताजमहल - नासिरा शर्मा दोपहर का भोजन - अमरकांत धन की भेंट -रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) धरती से नाता - मोतीलाल जोतवाणी(सिंधी) धुआँ - गुलज़ार (उर्दू) धूल तेरे चरणों की - लोचन बक्शी (पंजाबी) नई रोशनी -रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) नमक का दारोगा -प्रेमचंद नहान -अस्र्ण प्रकाश नामालूम सी एक खता - आचार्य चतुरसेन शास्त्री निर्दोष - मनमोहन भाटिया निर्मोही - ममता कालिया नींद नहीं आती - सज्जाद ज़हीर नौकरी की आवश्यकता - लक्ष्मी नंदन बोरा(असमिया) नौ साल छोटी पत्नी - रवींद्र कालिया नंगी तस्वीरें - देवेंद्र इस्सर यह स्वतंत्रता - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) यही सच है - मन्नू भंडारी यहीं तक - राजी सेठ यात्रा - मनोज कुमार पांडेय यात्रा-मुक्त - राजी सेठ या खुदा - कुदरतुल्ला शहाब (उर्दू) यादें - गुलज़ार अहमद (सिंधी) युद्ध - लुइगी पिरांडेलो यूडित और ऐस्तैर - जिग़मोंद मोरित्स(हंगेरियन) रमन्ते तत्र देवता: - ''अज्ञेय'' राजा निरबंसिया - कमलेश्वर रानी केतकी की कहानी - सैयद इंशा अल्ला खां राक्षस - सविंदर सिंह उप्पल (पंजाबी ) रिसते घाव - बूटा सिंह (पंजाबी ) रिश्ता - कन्सतान्तिन पाउस्तोव्स्की (रूसी) रंग बदलता मौसम - सुभाष नीरव लहू पुकारे आदमी - मधुकर सिंह लाजवंती - राजिंदर सिंह बेदी (पंजाबी) लालबहादुर का इंजन - राकेश मिश्र
लिली
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ष से ज्ञ
लिहाफ - इस्मत चुगताई (उर्दू) लुटा हुआ - जयंती दलाल (गुजराती) व्यथा का सरगम - अमृत राय वाङ्चू - भीष्म साहनी वज़ूद - अखिलेश वह और जगह - ह्रदयेश वह उसे क्यों पसंद करती है -अर्चना पैन्यूली विजेता - सुषमा मुनींद्र विदा- रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) विद्रोही - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) विलासी - शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला) विद्रोही के चरणों पर - जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज' शरणदाता - 'अज्ञेय' शहीद - पद्मा राय शाह आलम कैम्प की रूहें - असगर वज़ाहत शिक्षा - मनमोहन भाटिया शुक्रगुजार आँखें - हयात उल्लाह अंसारी (उर्दू)
स्वाँग
- मनीषा कुलश्रेष्ठ
सेवड़ी रोटियाँ और जले आलू
- हरि भटनागर
संक्रमण - कामतानाथ सच का सौदा - सुदर्शन सच्चो सच - मीरा सीकरी समाज का शिकार - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) सरदार जी - ख्वाजा अहमद अब्बास (उर्दू) सरहद के इस पार -नासिरा शर्मा सरहद पर - नंद किशोर विक्रम (उर्दू) सहपाठी - सत्यजित राय (बांग्ला) सयानी बुआ - मन्नू भंडारी सिक्का बदल गया - कृष्णा सोबती सिंगारदान -शमोएल अहमद सीमाएँ - मोहन राकेश सीमांत - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) सीढियाँ - इंतज़ार हुसैन (उर्दू) सुहागिनें - मोहन राकेश सेराज बैंड बाजा-जयनंदन सोने का चाकू - अखिलेश सोने का सुअर - मनोज कुमार पांडेय सोलह आने - त्रिलोचन हमारा देश - इब्ने इंशा(उर्दू) हवा पूरी है - मनमोहन भाटिया हाकिम कथा - अखिलेश हारिति - 'अज्ञेय' हिंदुस्तान से एक खत - इंतिजार हुसैन (उर्दू) हिंदुस्तान छोड़ दो - इस्मत चुग़ताई(उर्दू) हार की जीत - सुदर्शन हालदार परिवार- रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) होंठों के नीले फूल - प्रियंवद होली का मज़ाक - यशपाल हीली-बोन् की बत्तखें - 'अज्ञेय' श्रृंखला - अखिलेश |
क से ड.
कंचन - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) कठपुतलियाँ - मनीषा कुलश्रेष्ठ कमज़ोर -अंतोन चेख़व (रूसी) करवा का व्रत - यशपाल कल कहाँ जाओगी - पद्मा सचदेव (डोगरी) कलाकार की मुक्ति - 'अज्ञेय' कल्याण का अंत - जयनंदन कवि और कविता - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) कवि का हृदय - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) कस्बे का आदमी - कमलेश्वर काँसे का गिलास - सुधा अरोड़ा
काबुलीवाला
- रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला)
कानदाँव - स्वयं प्रकाश कामरूपी - यू. आर अनंतमूर्ति (कन्नड़) कितने पाकिस्तान - कमलेश्वर कारोबार - ओमा शर्मा कालिंदी - मनीषा कुलश्रेष्ठ कुरजां - मनीषा कुलश्रेष्ठ करोड़पति - सूरज प्रकाश कुश्ती - योगेंद्र आहूजा केयर ऑफ स्वात घाटी - मनीषा कुलश्रेष्ठ केंचुल - प्रत्यक्षा कोसी का घटवार -शेखर जोशी क्रिकेट मैच- मनमोहन भाटिया कहानीकार - राजू शर्मा खोया हुआ मोती - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) खोई हुई खुशबू - अफ़जल अहसन रंधावा (पंजाबी) खोल दो - सआदत हसन मंटो (उर्दू) गड़रिया - अशफाक अहमद (उर्दू) गदल - रांगेय राघव गलत-सलत - रमेश उपाध्याय गर्मियों के दिन - कमलेश्वर गुलमेंहदी की झाड़ियाँ - तरुण भटनागर गूंगी - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) गैर मुल्की लडकी - अल्ताफ़ फ़ातिमा (उर्दू) गैंग्रीन -'अज्ञेय' घास -कुलवंत सिंह विर्क (पंजाबी)
च से ञ
चंद्रावती अथवा नासिकेतोपाख्यान (भाग-1)- सदल मिश्र चमड़े का अहाता - दीपक शर्मा चलो जी किस्सा मुख्तसर - प्रत्यक्षा चारा काटने की मशीन -उपेंद्रनाथ अश्क चिमगादड़ें - मृणाल पांडे चित्र का शीर्षक -यशपाल चिड़िया ऐसे जीती है - मधु कांकरिया चीलें - भीष्म साहनी चीफ क़ी दावत -भीष्म साहनी चुल्लू भर पानी चुल्लू भर खून - ना.ग.गोरे (मराठी) चूहेदानी - दूधनाथ सिंह चोर सिपाही - मो. आरिफ
चौथा हादसा
-स्वयं प्रकाश
चौथी का जोडा - इस्मत चुग़ताई (उर्दू) छाया - गुरुदेव सिंह रुपाणा (पंजाबी) जडें - इस्मत चुगताई (उर्दू) ज़ख़्म - मोहन राकेश जन्मभूमि - देवेंद्र सत्यार्थी ज़हर और दवा - अभिमन्यु अनत शबनम जल्लाद - पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' ज्वार - संजीव जनाज़ा - शानी जंगल - सच्चिदानंद राउतराय (उड़िया) जानवर और जानवर - मोहन राकेश जिजीविषा - ''अज्ञेय'' जिज्ञासा - ''अज्ञेय'' जीना तो पड़ेगा - अब्दुल बिस्मिल्लाह जीनियस - मोहन राकेश जमीन अपनी तो थी - चंदन पांडेय झूमर - भीष्म साहनी शीर्ष पर वापस
पागल - राधाकृष्ण
पगला बाबा - गोविंद मिश्र पतझड़ की आवाज - कुरतुल-एन-हैदर (उर्दू) पत्तर अनाराँ दे -ए. हमीद (उर्दू) पत्नी का पत्र - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) पनाहगाह -जोगिंदर पाल (उर्दू) पलंग - प्रियंवद परमात्मा का कुत्ता - मोहन राकेश परमेशर सिंह - अहमद नदीम कासनी (उर्दू) परदेसी - बदीउज़्ज़माँ पागल - राधाकृष्ण पासंग - मेहरुन्निसा परवेज पाषाणी - रवींद्रनाथ टैगोर (बांग्ला) पानी और पुल - महीप सिंह पिंजर - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) पेशावर एक्सप्रेस -कृशन चंदर (उर्दू) पुरोहित जिसने मछलियाँ पालीं - मनोज कुमार पांडेय प्रेम का मूल्य -रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) प्रेम से पहले -लवलीन पुर्जा - अगस्ट स्टिंडबर्ग
फंदा - आचार्य चतुरसेन शास्त्री
फाँसी - विश्वम्भरनाथ शर्मा 'कौशिक ' फ़ाख़्ताएँ - जोगिंदर पाल (उर्दू) फूलों का कुर्ता - यशपाल फैंस के इधर और उधर - ज्ञानरंजन फैसला - भीष्म साहनी फ़ोटोग्राफ़र - क़ुर्रतुल ऎन हैदर (उर्दू) फ़ौलाद का आकाश - मोहन राकेश ब्लू टर्बन - मनमोहन भाटिया बड़ी दादी - मनमोहन भाटिया बदला - 'अज्ञेय' बनवास - जमीला हाशमी (उर्दू) बहुरि अकेला -मालती जोशी बाऊजी और बंदर - सूर्यबाला बारिश की रात -मिथिलेश्वर बाहरी लोग - राजी सेठ बिंदा - महादेवी वर्मा बू - सआदत हसन मंटो (उर्दू) बूढ़ा जो शायद था ही नहीं - मनोज कुमार ब्रह्मराक्षस का शिष्य - मुक्तिबोध बेज़बान -द्रोणवीर कोहली भगवान ने कहा था - सूर्यबाला भाई-भाई - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) भाग इन बुरदांफरोशों सॆ -रामानंद सागर (उर्दू) भाभी - इस्मत चुग़ताई (उर्दू) भासा - अस्र्ण प्रकाश भिखारिन - रवींद्रनाथ टैगोर(बांग्ला) मकान - कामतानाथ मंदी - मोहन राकेश मलबे का मालिक -मोहन राकेश महावटों की एक रात - अहमद अली मवाली - मोहन राकेश मानपत्र - संजीव मामूली लोग - श्रवण कुमार मायकल लोबो -गोविंद मिश्र मारे गये गुलफाम - फणीश्वर नाथ रेणु मिस पाल -मोहन राकेश मुक्ति - देवेंद्र इस्सर मुबीना या सकीना -गुरुबख्श सिंह (पंजाबी ) मेजर चौधरी की वापसी - 'अज्ञेय' मेरा वतन -विष्णु प्रभाकर मेरी माँ कहाँ -कृष्णा सोबती मेरे देश की मिट्टी, अहा - मृदुला गर्ग मेला - ममता कालिया
मैमूद
- शैलेश मटियानी
मैंनू ले चले बाबुला लै चले वे - ख़दीजा मस्तूर (उर्दू) मेरी फर्नांडिस क्या तुम तक मेरी आवाज पहुँचती है? - धीरेंद्र अस्थाना मौत - वेद राही (डोगरी) |
देव औरंगाबाद बिहार 824202 साहित्य कला संस्कृति के रूप में विलक्ष्ण इलाका है. देव स्टेट के राजा जगन्नाथ प्रसाद सिंह किंकर अपने जमाने में मूक सिनेमा तक बनाए। ढेरों नाटकों का लेखन अभिनय औऱ मंचन तक किया. इनको बिहार में हिंदी सिनेमा के जनक की तरह देखा गया. कामता प्रसाद सिंह काम और इनकi पुत्र दिवंगत शंकर दयाल सिंह के रचनात्मक प्रतिभा की गूंज दुनिया भर में है। प्रदीप कुमार रौशन और बिनोद कुमार गौहर की भी इलाके में काफी धूम रही है.। देव धरती के इन कलम के राजकुमारों की याद में .समर्पित हैं ब्लॉग.
शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015
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