मंगलवार, 25 जुलाई 2023

अधेड़ औरतें क्यों भागती हैं घर से / अनीता कर्ण

 

अधेड़ औरतें क्यों भागती हैं घर से / अनीता कर्ण 



कई बार ऐसा होता है,

घर छोड़कर भाग जाती हैं.

अधेड़ औरतें,

कभी अकेली ही,

तो कभी सहारे के लिए किसी के साथ,

इसलिए नहीं कि

उन्हें  डराती हैं जिम्मेदारियां,

उन्हें डराते हैं लोग,

और ले जाते हैं इस हद तक, 

कि तिनका-तिनका जोड़ा घर ही,

उन्हें बेगाना लगने लगता है,

बेगानी वस्ती से ज्यादा,

वो घर जिसे बार-बार,

उसे अपना बताया जाता है.

 

जन्म लेने से मरने तक, 

जो कभी उसका होता ही नहीं,

सास बनने तक सास का शासन,

बहू के आने से पहले ही,

घर झिन जाने का डर,

उसे हर पल सताता है,

जिस घर को उसे बार-बार,

उसका अपना बताया जाता है.


इतना तो वह सह जाती है,

पर जब गांठ बांधकर,

हाथ थाम कर लाने वाला ही,

कब पराया हो जाता है,

गांठ खोलकर आलमारी में रख देता है,

और हाथ पकड़कर,

किसी और का हो लेता है,

तब अधेड़ औरत,

बेगानों को छोड़कर,

बेगानी वस्ती को ओर निकल जाती है.


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