गुरुवार, 16 जून 2022

लाकडाउन भी अब हट गया है / उमाकांत दीक्षित

 कर्फ्यू अब खुल गया है

लाकडाउन भी अब हट गया है

गली में सब्जी, चूड़ी और पौधे

बेचने वालों की आवाजें आने लगी हैं... 


लेकिन अरशद कबाड़ी अब नहीं आता,

चौराहे पर गेंदे गुलाब की फूलमाला

बेचने ‌वाली फूलवती अब नहीं दिखती,

ओमी प्लम्बर, ईश्वर दूधवाला, गोरे पंडित जी,

गुप्ता जी कपड़े वाले अब कभी नहीं दिखेंगे...


कोरोना ले गया इन सबको चुन चुन कर

और जाने कितने बच्चे हो गए अनाथ... 

कितने ही घरों में अब चूल्हा नहीं जलता

और कुछ में तो दीपक भी नहीं...


मैं उन्हें कैसे बताऊं कि

अब मुझसे भी कुछ खाया नहीं जाता

उन सबकी आत्मा मुझसे पूछतीं हैं

क्या तुमने इन हालात में 

अपना इन्सानी फर्ज निभाया था...?


- उमाकांत दीक्षित

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किशोर कुमार कौशल की 10 कविताएं

1. जाने किस धुन में जीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।  कैसे-कैसे विष पीते हैं दफ़्तर आते-जाते लोग।।  वेतन के दिन भर जाते हैं इनके बटुए जेब मगर। ...