# जंगल के जानवर |
बीरबल की कहानी
प्रस्तुति - रेणु दत्ता / आशा सिन्हा
एक बार बादशाह अकबर अपने सभी मंत्रियो के साथ शिकार को निकले , तभी पेड़ पर बैठे हुए उल्लू और उसके बच्चे ने उन्हें देखा और उन्होंने सभी जानवरों को सावधान कर दिया कि शिकार करने को बादशाह आ रहे है।
सभी जानवर पहले से सचेत हो गए।
और बादशाह को जब पूरा जंगल घूमने के बाद भी कोई जानवर नहीं मिला तो सब आश्चर्य मे थे कि ऐसा कैसे हो सकता है?
जरूर किसी ने पहले ही सभी जानवरो को हमारे आने की सूचना दे दी थी। इसी कारण कोई जानवर नहीं मिला हमें। फिर सब महल वापस आ गए। दूसरे दिन फिर सभी शिकार को निकले।
सैनिकों को पहले ही कह दिया गया था कि वह ध्यान रखे कि कौन हमारे आने की सूचना पहले ही दे देता है।
उल्लू और उसके बच्चे ने आज फिर देख लिया था। तो वह बताने के लिए जैसे ही उड़े। वैसे ही सैनिकों को पता चल चुका था। कि यही जानवरो के पहले से ही बता देते है।
उन दोनों को पकड़कर पिंजरे मे डाल लिया गया। तब वह जोर जोर से चिल्लाने लगे। उनको इस प्रकार देखकर बीरबल को बहुत दया आ रही थी। वह बादशाह से मना करना चाहते थे कि वह मासूम जानवरों का शिकार न करे।
पर वह कुछ कह नहीं पा रहे थे। जब उल्लुओं को इस प्रकार चिल्लाते देखकर बादशाह बोले। क्या बीरबल आप इनकी भाषा समझ पा रहे है?
तब बीरबल बोले यह कह रहे है। कि आगे आने वाले समय मे इंसान को जब जंगल की कीमत पता चलेगी। तब तक देर हो चुकी होगी। सारे जंगल काट दिए गए होंगे। उसमे रहने वाले जानवरो का शिकार किया जा चूका होगा।
इंसान के लिए कुछ नहीं बचेगा। तब उन्हें जंगल और उसमे रहने वाले बेचारे जानवरों का ख्याल आएगा। तब बादशाह यह सुनकर बहुत दुखी हुए। वह अपने मनोंरजन के लिए बेचारे जानवरों से उनका घर और उन्हें दोनों छीन रहे है।
उन्होंने बोला आज से किसी भी जानवर का शिकार नहीं किया जायेगा और यदि किसी ने ऐसा किया तो उसको कड़ी सजा मिलेगी। और इन उल्लुओं को भी पिंजरे मे से आजाद किया जाये।
उल्लू आजाद कर दिए गए। तब अकबर बीरबल से बोले आप वाकई लाजवाब है ‘बीरबल’. आप जैसा दूसरा और कोई हो ही नहीं सकता। कितनी अच्छी तरह से आपने हमें समझा दिया। और सभी जानवरों को बचा लिया।
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