बुधवार, 23 अगस्त 2023

आ पहुंचे हम, चंदामामा ! / योगेन्द्र दत्त शर्मा

 बालगीत

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आ पहुंचे हम, चंदामामा !

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देखो, तुमसे हाथ मिलाने

आ पहुंचे हम, चंदामामा !

यह मत पूछो, उड़कर आये

या फिर चलते हुए खरामा !


अब तो पक्की यारी होगी

आन-बान की और शान की

मिल-जुलकर हम सैर करेंगे 

दूर-दूर तक आसमान की

          तुम भी थामो हाथ हमारा

          हमने हाथ तुम्हारा थामा !

          तुम भी राजी, हम भी राजी

          स्वीकारो यह राजीनामा !


हमें यहां पर देख, हो रही

तुमको क्यों इतनी हैरानी

चरखा कात रही थी जो कल

कहां गई वह बूढ़ी नानी

          चलो, उसी नानी से कहकर

          सिलवा लो कुर्ता-पाजामा !

          बात मान लो तुरत हमारी

          और अधिक अब करो न ड्रामा !


तुम तो आये नहीं वहां पर

हमने सोचा, हम ही जायें

धरती मैया का संदेसा

तुम्हें यहां आकर पहुंचायें

          हिल-मिलकर सब जश्न मनायें

          खूब बजायें ढोल-दमामा !

          धूम मचायेंगे मिल-जुलकर

          अब खुलकर होगा हंगामा !


                                                                ■ योगेन्द्र दत्त शर्मा

【23.8.23 सायं 6 बजकर 5 मिनट 】

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