बालगीत
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आ पहुंचे हम, चंदामामा !
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देखो, तुमसे हाथ मिलाने
आ पहुंचे हम, चंदामामा !
यह मत पूछो, उड़कर आये
या फिर चलते हुए खरामा !
अब तो पक्की यारी होगी
आन-बान की और शान की
मिल-जुलकर हम सैर करेंगे
दूर-दूर तक आसमान की
तुम भी थामो हाथ हमारा
हमने हाथ तुम्हारा थामा !
तुम भी राजी, हम भी राजी
स्वीकारो यह राजीनामा !
हमें यहां पर देख, हो रही
तुमको क्यों इतनी हैरानी
चरखा कात रही थी जो कल
कहां गई वह बूढ़ी नानी
चलो, उसी नानी से कहकर
सिलवा लो कुर्ता-पाजामा !
बात मान लो तुरत हमारी
और अधिक अब करो न ड्रामा !
तुम तो आये नहीं वहां पर
हमने सोचा, हम ही जायें
धरती मैया का संदेसा
तुम्हें यहां आकर पहुंचायें
हिल-मिलकर सब जश्न मनायें
खूब बजायें ढोल-दमामा !
धूम मचायेंगे मिल-जुलकर
अब खुलकर होगा हंगामा !
■ योगेन्द्र दत्त शर्मा
【23.8.23 सायं 6 बजकर 5 मिनट 】
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