चंदबरदाई
चंदबरदाई
उपनाम
चंद
जन्म स्थान
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कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
चंदबरदाई
को हिंदी का पहला कवि और उनकी रचना पृथ्वीराज रासो को हिंदी की पहली रचना
होने का सम्मान प्राप्त है। पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ
है। इसमें 10,000 से अधिक छंद हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग
किया गया है।
जीवन परिचय
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- पृथ्वीराज रासो / चंदबरदाई
- पद्मावती / चंदबरदाई
- प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव / चंदबरदाई
- दिल्लिपति प्रथिराज, अवनि आषेटक षिल्लिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- गई षबर ध्रम्मान की, उट्ठ चढ़े असवार (दूहा) / चंदबरदाई
- गौरी पठए दूत, चले च्यारों चतुरन्नर (कवित्त) / चंदबरदाई
- आषेटक दिन रमय, संग स्वानं घन चीते (कवित्त) / चंदबरदाई
- रमै राज आषेट, सत्त एकल बन भंजै (कवित्त) / चंदबरदाई
- देस-देस कग्गद फटे पेसंगी षुरसान (दूहा) / चंदबरदाई
- सिलह लोह सज्जत, लष्ष पंचह मिलि पष्षर (कवित्त) / चंदबरदाई
- चैत मास रबि तीज,सेत पष्षह कल चंदह (कवित्त) / चंदबरदाई
- आयौ आतुर अप्परह, पैसंगी पतिनाह (दूहा) / चंदबरदाई
- हुअ सद्द सुसद्दह नद्द भर (त्रोटक) / चंदबरदाई
- फौज बन्धि सुरतन मुष्ष अग्गे तत्तारिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- दिल्लीपति फौजह रची (दूहा) / चंदबरदाई
- फौज रची सामत, गरुड़ व्यूहं रचि गढ्ढिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- तत्तारह उप्परह, चित्त चावंड चलायौ (कवित्त) / चंदबरदाई
- भूमि पर्यौ तत्तार, मारि कमनेत प्रहारै (कवित्त) / चंदबरदाई
- षान षन आखूंद,अट्ठ सहसं बहु गष्षर (कवित्त) / चंदबरदाई
- धपी सेन सुरतान,मुट्ठि छुट्ठी चावद्दिसि (कवित्त) / चंदबरदाई
- जैतराइ जड़धार,लियोकर दंत मुष्ष कर (कवित्त) / चंदबरदाई
- सिर धूनत पतिसाह, धाह सुनि सेना सथ्थिय (कवित्त) / चंदबरदाई
- मनु द्वादस सूरज्ज, हथ्थ चन्द्रमा महासर (कवित्त) / चंदबरदाई
- मचे कूह कूहं बहै सार सारं (भुजंगी) / चंदबरदाई
- तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप / चंदबरदाई
- कुछ छंद / चंदबरदाई
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