बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

आसिफ़ मिर्ज़ा آصِف

 इस तरह से मुझे सताने की

उनकी आदत है भूल जाने की

اِس طرح سے مُجھے ستانے کی

اُن کی عادَت ہے بُھول جانے کی


चोर नज़रों से कोशिशें उनकी

दिल लुभाने की दिल चुराने की

چور نَظروں سے کوششیں اُن کی

دِل  لُبَھانے کی دِل چُرانے کی


अहले दिल वो नहीं है उनका दिल

मेरी कोशिश है दिल बनाने की

 اَہلِ دِل  وہ نہیں ہے اُن کا دِل

میری کوشِش ہے دِل بَنانے کی


बारहा दिल तुम्हें पुकारेगा

जब भी आएगी बात जाने की

بارہا دِل تُمہیں پُکارے گا

جَب بھی آئے گی بات جانے کی


आधे दुश्मन तो यूँ ही मर जाते

मेरी आदत जो मुस्कुराने की

  آدھے دُشمن تو یُوں ہی مَر جاتے

میری عادت جو مُسکُرانے کی


आज फिर से बहार आएगी

फिर ख़बर है जो उनके आने की

 آج پِھر سے بَہار  آئےگی 

پِھر خَبَر ہے جو اُن کے آنے کی


मेरी ग़ज़लें महक रहीं आसिफ़

अब ज़रूरत नहीं तराने की

 میری غَزلیں مَہَک رہیں آصِف

اَب ضَرُورَت نَہیں تَرانے کی

 आसिफ़ मिर्ज़ा       آصِف مِرزا

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