*इस समाज में एक रिश्ता ऐसा भी है जहां तीखी नोकझोंक भी होती है,*
*तकरार भी होता है*,
*युद्ध भी होता है।*
*परन्तु*
*छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर*
*जब पुनः मिलन होता है* *रहीम का लिखा दोहा भी* *झूठा हो जाता है।*
*रहिमन धागा प्रेम का , मत तोड़ो चटकाय ।*
*टूटे पर फिर ना जुड़े , जुरे गाँठ पड़ जाय ।।*
*समाज में अक्सर देखा गया है अनुभव किया गया है पति* *पत्नी के रिश्ते में* *मिलन के बाद गांठ नहीं रह जाती*
* कारण इस रिश्ते को पवित्र बंधन कहा जाता है।*
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